भारतीय रेलवे की अगस्त 2023 तक देश के 75 शहरों को वंदे भारत सेमी-हाई स्पीड ट्रेन से जोड़ने की योजना है. फिलहाल देश के पांच अलग-अलग रूटों पर वंदे भारत ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है. इन ट्रेनों के चलने से यात्रियों को काफी सुविधा हुई है. अब कम समय में ज्यादा दूरी तय की जा सकेगी. आने वाले समय में इंटरसिटी और शताब्दी एक्सप्रेस की जगह वंदे भारत ट्रेनें ले लेंगी.
वंदे भारत ट्रेन की गति
अब खबर है कि रेल मंत्रालय आने वाले समय में वंदे भारत ट्रेन की गति को और बढ़ाने के लिए तकनीक में बदलाव करने की योजना बना रहा है. इससे मोड़ पर ट्रेन की गति धीमी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और ट्रेन एक समान गति से पटरी पार करेगी. रेल मंत्रालय द्वारा आने वाली एक चौथाई ट्रेनों में नई तकनीक लागू की जाएगी. इससे ट्रेन को लंबी दूरी तय करने में पहले के मुकाबले कम समय लगेगा.
ट्रेन की औसत गति
आपको बता दें कि अब ट्रेन को घुमावदार ट्रैक पर धीमा करना होगा. इससे ट्रेन की औसत गति कम हो जाती है और ट्रेन को अधिक समय लगता है. नई तकनीक के इस्तेमाल से ट्रेन तेज गति से मोड़ से गुजर सकेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वंदे भारत ट्रेन को मौजूदा ट्रैक पर ही 'टिल्ट टेक्नोलॉजी' से चलाने की तैयारी चल रही है. इस तकनीक के बाद ट्रेन खुद ही घुमावदार ट्रैक पर झुक जाएगी, इसकी जानकारी ट्रेन में बैठे यात्री को भी नहीं हो पाएगी.
टिल्ट टेक्नोलॉजी' का इस्तेमाल
रेल मंत्रालय की आने वाले समय में देशभर में 400 वंदे भारत ट्रेनें चलाने की योजना है. इन 400 ट्रेनों में लंबी दूरी की 100 ट्रेनों में 'टिल्ट टेक्नोलॉजी' का इस्तेमाल किया जाएगा. अभी इस तकनीक पर इटली, रूस, स्विट्जरलैंड, चीन, जर्मनी आदि देशों में ट्रेनें चल रही हैं.
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