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सरकार द्वारा काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर वापस लौट रही है। देश की अर्थव्यवस्था में रियल एस्टेट का भी बहुत बड़ा हाथ है। ये उन क्षेत्रों में से एक है, जिसने महामारी के कारण आई आर्थिक मंदी के बीच में भी कुछ ज्यादा उतार-चढाव नहीं देखा है। हाल में हुए सर्वे में सामने आया कि त्योहारी सीजन ने रियल एस्टेट क्षेत्र को काफी बढ़ावा दिया है। सरकार का मानना है कि रियल एस्टेट सेक्टर में रिकवरी से अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
इस स्थिति को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि ये समय घर खरीदने के लिए सबसे अच्छा है। इसका सबसे प्रमुख कारण प्रॉपर्टी की दरों में रियायत है और दूसरा आत्मनिर्भर भारत 3.0 प्रोत्साहन पैकेज के तहत खरीदारों और डेवलपर्स के लिए घोषित किया गया ताजा टैक्स सोप है।
होमबॉयर्स को क्या मिलेगा फायदा?
अगर आपके नए घर की कीमत 2 करोड़ रुपये तक है तो आपको नए प्रोत्साहन पैकेज के हिस्से के रूप में आयकर में राहत मिल सकेगी और ये राहत 30 जून, 2021 तक मिल सकेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि अचल संपत्ति की बिक्री या खरीद के दौरान सर्कल रेट और समझौते के मूल्य के बीच के अंतर को बढ़ाया जा रहा है। इसलिए, अंतर को लिखी हुई समय सीमा तक 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है।
आमतौर पर हर जगह का सर्कल रेट अग्रीमेंट के रेट से कम होता है। अगर लेन-देन का मूल्य सर्कल रेट से कम है, तो आयकर अधिनियम की धारा 43 ए के तहत कर रियायत के रूप में 10 प्रतिशत के अंतर की अनुमति दी गई है। लेकिन हाल में हुई घोषणा के मुताबिक अब 20 प्रतिशत के अंतर की अनुमति होगी। कई रियल एस्टेट फर्मों ने सरकार के फैसले पर अपनी सहमति जताई है क्योंकिउनका मानना है कि इससे होमबॉयर्स को एक बड़ा आयकर लाभ मिल सकेगा।
कर लाभ क्या है?
नई घोषणा के मुताबिक क्या बदलाव हुए हैं क्या फायदे हुए हैं इसे ऐसे समझिये कि अगर कोई व्यक्ति 80 लाख रुपये में घर खरीद लेता है। लेकिन सर्कल रेट के अनुसार उस प्रॉपर्टी की दर 90 लाख रुपये है। आयकर कानून के मुताबिक अगर बिक्री मूल्य और सर्कल रेट मूल्य के बीच 10 प्रतिशत से ज्यादा का अंतर है, तो प्रॉफिट शो करने के लिए डेवलपर को 90 लाख रुपये बिक्री पर विचार करना होगा।
ऐसी स्थिति में घर खरीदने वाले को 10 लाख रुपये का अंतर दिखाना होगा, क्योंकि दुसरे स्रोतों से आय होगी और उसी के अनुसार कर का भुगतान भी करना होगा। इससे आप समझ पाएंगें कि तो एक्चुअल होम वैल्यू और सर्कल रेट के बीच का अंतर करीब 12.5 प्रतिशत है।
सरकार द्वारा की गई ताजा घोषणा के अनुसार, खरीददार के हाथों में 10 लाख रुपये के अंतर को आय नहीं माना जाएगा। ऊपर बताए गए उदाहरण में अंतर 12.5 प्रतिशत है, लेकिन आत्मनिर्भर 3.0 पैकेज में घर खरीददारों के लिए की गई नई घोषणा के आधार पर 20 प्रतिशत तक के अंतर में टैक्स लाभ मिल सकता है।
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