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आरबीआई अगले महीने ईएमआई में दे सकता है राहत, जानिए क्या होगा असर
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की आगामी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक अप्रैल में होने जा रही है, और इस बैठक में रेपो रेट में कटौती होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अप्रैल में अपनी समीक्षा बैठक में प्रमुख नीतिगत दर (रेपो रेट) में 0.25% की कटौती कर सकता है। अगर ऐसा होता है, तो होम लोन, ऑटो लोन और अन्य लोन की ईएमआई में राहत मिल सकती है।
अप्रैल में होगी आरबीआई की बैठक
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक की तारीखों की घोषणा कर दी है। यह बैठक 7, 8 और 9 अप्रैल को होगी, और 9 अप्रैल को आरबीआई अपनी नीतिगत दरों का ऐलान करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई महंगाई के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, जिससे लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी।
महंगाई दर में कमी, रेपो रेट में कटौती संभव
इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र कुमार पंत के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में हेडलाइन मुद्रास्फीति घटकर 4.7 प्रतिशत रह सकती है। अगर महंगाई इसी तरह से नियंत्रण में रहती है, तो आरबीआई वित्त वर्ष 2025-26 में कुल मिलाकर 0.75% की दर कटौती कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिका के जवाबी शुल्क का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर अधिक नहीं पड़ा, तो आरबीआई मौद्रिक नीति में और अधिक ढील दे सकता है।
महंगाई दर और जीडीपी पर असर
आरबीआई ने मई 2022 और फरवरी 2023 के बीच रेपो रेट को 2.50% बढ़ाकर 6.5% कर दिया था। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करना था। हालांकि, अब जब महंगाई दर नियंत्रित हो रही है, तो केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में कटौती करने की सोच सकता है। फरवरी 2025 में आरबीआई ने रेपो रेट को 0.25% घटाकर 6.25% कर दिया था। इंडिया रेटिंग्स को उम्मीद है कि मार्च 2025 तिमाही में खुदरा महंगाई 21 तिमाहियों में पहली बार 4% से नीचे आ सकती है।
क्या होगा रेपो रेट में कटौती का असर?
यदि आरबीआई अप्रैल 2025 में रेपो रेट में 0.25% की कटौती करता है, तो:
बैंकों के लिए उधारी सस्ती होगी, जिससे वे सस्ते लोन ऑफर कर सकते हैं।
होम लोन, ऑटो लोन और अन्य कर्ज की ईएमआई में राहत मिलेगी।
बढ़ती लिक्विडिटी से निवेश और बिजनेस ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।
महंगाई दर स्थिर रहने की उम्मीद है, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
क्या आगे और राहत मिलेगी?
इंडिया रेटिंग्स का अनुमान है कि आरबीआई वित्त वर्ष 2025-26 में तीन बार नीतिगत दर में कुल 0.75% की कटौती कर सकता है। अगर ऐसा होता है, तो रेपो रेट 5.5% तक आ सकती है, जिससे लोन सस्ता होने के और भी मौके बनेंगे।
रेटिंग एजेंसी के अनुसार, आरबीआई की मौजूदा रणनीति महंगाई को नियंत्रण में रखते हुए आर्थिक विकास को समर्थन देने की है। अगर वैश्विक आर्थिक स्थितियां स्थिर रहती हैं और महंगाई दर कम बनी रहती है, तो आने वाले महीनों में लोन लेने वालों के लिए और राहत की उम्मीद की जा सकती है।
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