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सरकार कल सोमवार 1 फरवरी को आम बजट पेश करने जा रही है। ऐसे में लोगों को सरकार के बजट से काफी उम्मीदें है। वही कोविड-19 के चलते लोगों को हुए नुकसान के कारण इस साल के बजट ने सभी की उम्मीदों को और भी बढ़ा दिया है। यही नहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2021 में विनिवेश को लेकर कई बड़े ऐलान कर सकती है लेकिन यह मुमकिन भी है कि नए वित्त वर्ष में सरकार विनिवेश के लक्ष्य को हासिल कर लें। आपको बता दें कि केंद्र सरकार अभी फिलहाल तय किए गए विनिवेश के लक्ष्य से काफी दूर है। ऐसे में बहुत कम संभावना है कि सरकार को विनिवेश के मोर्चे पर इस साल बड़ी कामयाबी मिल जाए।
विनिवेश में रखा गया है 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य
इसी सरकार ने वित्तीय वर्ष में विनिवेश के माध्यम से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है जिसमें से 1.20 लाख रुपये सरकारी कंपनियों में शेयर बिक्री के माध्यम से जुटाए जाएंगे और शेष 90,000 करोड़ रुपये फाइनेंसियल इंस्टीटूशन में हिस्सेदारी बिक्री में जुटाए जाएंगे। लेकिन वित्तीय वर्ष में इसके संभव होने की कोई उम्मीद नहीं है। इतना ही नहीं पिछले बजट में सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए विनिवेश के माध्यम से 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने की घोषणा की थी लेकिन अगर हम अब तक विनिवेश के आंकड़ों को देखें तो यह पता चलता है कि मौजूदा वित्तीय में विनिवेश का आंकड़ा साल लगभग 30 -40 हजार करोड़ तक ही पहुंच सकता है जो पिछले 5 वर्षों में सबसे कम होगा।
बजट में सरकार खींच सकती है बड़ी लकीर
इस साल सरकार ने जो हासिल किया वह हासिल करना बेहद मुश्किल है। चालू वित्त वर्ष में अधिकतम 20 प्रतिशत तक की प्राप्ति हो सकती है। लेकिन अगले वित्तीय वर्ष के बजट में सरकार एक बड़ी लकीर खींच सकती है क्योंकि सरकार द्वारा कई कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने के निर्णय को छोड़ दिया गया है। उसी वित्तीय वर्ष में सरकार ने केवल 17,958 करोड़ रुपये हासिल किए हैं। जोकि विनिवेश के लक्ष्य का सिर्फ 8.5 है।
LIC के आईपीओ लॉन्च होने के है पूरे आसार
इस बजट में सरकार विनिवेश के लक्ष्य के लिए 2 लाख करोड़ से अधिक की घोषणा कर सकती है। बीपीसीएल की रणनीतिक बिक्री से लेकर एलआईसी के IPO तक अगले वित्तीय वर्ष में पूरे होने के आसार है। इसके अलावा कुछ अन्य निजीकरण डील्स भी वित्त वर्ष 2022 तक पूरे होने की उम्मीद है।
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