मोदी सरकार ने आज नई विदेश व्यापार नीति लागू कर दी है, जिसके बाद कई बड़े ऐलान किए गए हैं. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को विदेश व्यापार नीति 2023 की घोषणा की. आपको बता दें कि इससे पहले आखिरी बार यह नीति 1 अप्रैल 2015 को लागू की गई थी. विदेश व्यापार नीति 5 साल के लिए लागू होती है, लेकिन कोरोना आने के कारण पुरानी नीति को बढ़ा दिया गया था, लेकिन आज सरकार ने एक जारी किया है. नई नीति, जो 1 अप्रैल यानी कल से लागू होगी.
जरूरत के मुताबिक विदेश व्यापार नीति में बदलाव किए जाएंगे
एफटीपी नीति के स्तर पर निरंतरता प्रदान करेगी.
एफटीपी 2023 प्रोत्साहन के बजाए छूट को बढ़ावा देती है.
इसमें निर्यात वस्तुओं पर शुल्क और करों में छूट के लिए योजना शुरू की गयी है.
विदेश व्यापार नीति से संबंधित आवेदनों का डिजिटलीकरण होगा.
एफटीपी आवदेनों को स्वचालन प्रणाली के जरिए मंजूरी मिलेगी.
आधुनिक प्राधिकार से संबंधित आवेदनों की प्रक्रिया में लगने वाले समय को घटाकर एक दिन करने संबंधी योजना शुरू.
निर्यात करने वाली कंपनियों को स्टार श्रेणी देने से संबंधित नियमों में ढील.
भारतीय रुपये में व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.
निर्यात उत्कृष्ट शहरों में फरीदाबाद, मुरादाबाद, मिर्जापुर और वाराणसी शामिल.
डेयरी क्षेत्र को औसत निर्यात दायित्व बनाए रखने से मिली छूट.
निर्यात संवर्धन पूंजीगत माल योजना के तहत बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन, कृषि उपकरण और हरित हाइड्रोजन के लिए दायित्व में कमी.
विशेष अग्रिम प्राधिकरण योजना का विस्तार परिधान और कपड़ा क्षेत्र तक किया गया.
ई-वाणिज्य निर्यात को व्यापार नीति के सभी लाभ मिलेंगे.
करियर सेवाओं के माध्यम से निर्यात के लिए मूल्य सीमा 5 लाख रुपये प्रति खेप से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की गई.
निर्यात केंद्र के रूप में जिले’ पहल के जरिए राज्यों और जिलों के साथ गतिविधियों को बढ़ाने पर जोर.
एससीओएमईटी नीति के तहत दोहरे उपयोग वाले उत्पादों के निर्यात को व्यवस्थित किया जाएगा.
अग्रिम प्राधिकरण और ईपीसीजी प्राधिकरण धारकों के लिए एफटीपी के तहत निर्यात दायित्व में चूक को लेकर एकमुश्त निपटान के लिए आम माफी योजना शुरू.
व्यापार नीति बदलते व्यापार परिदृश्य के अनुसार एफटीपी गतिशील होगी और जरूरत के अनुसार उसमें बदलाव किया जाएगा.
वाणिज्य विभाग को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए इसका पुनर्गठन किया जाएगा.
Comments
Add a Comment:
No comments available.