दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि अगर ट्विटर को प्रतिबंधित नहीं किया जाता है तो उसे डिजिटल मीडिया से संबंधित नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों का पालन करना होगा. इस कमेंट के साथ ही न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने एडवोकेट अमित आचार्य की याचिका पर केंद्र और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है. अमित आचार्य ने अपनी याचिका में दावा किया है कि ट्विटर ने नियमों का पालन नहीं किया है.
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दूसरी ओर, ट्विटर ने अदालत के समक्ष दावा किया कि उसने नियमों का पालन किया और एक शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त किया, लेकिन केंद्र सरकार ने इस दावे को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा, 'अगर इन (नियमों) पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो उन्हें इसका पालन करना होगा.'
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आचार्य ने वकील आकाश वाजपेयी और मनीष कुमार के माध्यम से दायर एक याचिका में कहा कि जब उन्होंने कुछ ट्वीट्स के बारे में शिकायत दर्ज करने की कोशिश की, तो उन्हें सरकारी नियमों के कथित गैर-अनुपालन के बारे में पता चला.
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