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बजट 2025-26: युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों की अहम उम्मीदें

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करेंगी, जिससे युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों को कई उम्मीदें हैं। युवाओं को टैक्स में कटौती, रोजगार के अवसर और स्टार्टअप सेक्टर में सुधार की उम्मीद है। महिलाओं को सशक्तीकरण और योजनाओं के विस्तार की आशा है, जबकि बुजुर्गों को आयकर में राहत और सेविंग्स स्कीम पर अधिक ब्याज की उम्मीद है।

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Image Credit: google
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By Shraddha Singh | Delhi, Delhi | व्यापार - 01 February 2025

आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करेंगी। देशभर के लोग इस बजट से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं, खासकर युवा, महिलाएं और बुजुर्ग। आइए जानते हैं कि इस बजट से इन वर्गों को क्या उम्मीदें हैं।

युवाओं की बजट से अपेक्षाएं

कामकाजी युवाओं की प्रमुख मांग टैक्स में कटौती है। विशेष रूप से महानगरों में रहने वाले युवा सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें टैक्स के अनुपात में बेहतर सुविधाएं दी जाएं। इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी पर लगने वाले टैक्स में भी कमी की मांग की जा रही है। युवा चाहते हैं कि सरकार देश में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करे ताकि विदेशों में काम करने के लिए जाने की मजबूरी न हो। स्टार्टअप सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल नीतियों की भी मांग है। इसके अलावा, 2030 और 2036 के ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए खेल सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की अपेक्षा भी की जा रही है।

महिलाओं की उम्मीदें

महिलाओं को उम्मीद है कि सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए बड़े कदम उठाएगी। पिछले बजट में महिला सशक्तीकरण के लिए तीन लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, और इस बार भी इसी तरह की घोषणाओं की अपेक्षा की जा रही है। ‘महिला सम्मान बचत योजना’ की अवधि बढ़ाने की भी मांग है। साथ ही, मिशन शक्ति, मातृ वंदना योजना और जननी सुरक्षा योजना जैसी योजनाओं का विस्तार और उनके बजट में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है। महिला उद्यमियों की मांग है कि सरकार उन्हें सस्ती दरों पर कच्चा माल उपलब्ध कराए, लोन की प्रक्रिया को सरल बनाए और व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा दे। इसके अलावा, बढ़ती महंगाई से राहत देने के लिए ठोस उपायों की भी आवश्यकता महसूस की जा रही है।

सीनियर सिटीजंस की मांगें

देश के बुजुर्गों की प्रमुख मांग यह है कि 10 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर कोई टैक्स न लगाया जाए। इसके अलावा, वे सेविंग्स स्कीम पर अधिक ब्याज दर की भी उम्मीद कर रहे हैं ताकि बिना रेगुलर इनकम के उनकी वित्तीय स्थिरता बनी रहे। न्यू टैक्स रिजीम के तहत बेसिक एक्जंपशन लिमिट को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की मांग भी जोर पकड़ रही है। वहीं, मेट्रो शहरों में रहने वाले बुजुर्ग चाहते हैं कि सरकार हाउस रेंट अलाउंस में वृद्धि करे ताकि उन्हें आर्थिक रूप से राहत मिल सके।

बजट 2025-26 से क्या उम्मीदें पूरी होंगी?

यह देखना दिलचस्प होगा कि वित्त मंत्री इन उम्मीदों को किस हद तक पूरा कर पाती हैं। बजट से युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को आर्थिक सहयोग और राहत देने की दिशा में क्या कदम उठाए जाएंगे, इस पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं।

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