अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी की अगुआई वाले अदाणी समूह ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में दिए गए सेबी के आवेदन में किसी तरह की गड़बड़ी की बात सामने नहीं आई है. पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने अडानी के खिलाफ आरोपों की जांच पूरी करने के लिए अदालत से और छह महीने का समय मांगा है. अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर शेयर की कीमत में हेराफेरी करने और नियामक खुलासे में चूक का आरोप लगाया। समूह ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है.
संदिग्ध लेन-देन की जांच
सेबी ने शनिवार को दायर अपने आवेदन में कहा कि उसे इन मामलों में विश्लेषण और अंतिम निष्कर्ष को फिर से सत्यापित करना होगा जहां प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए गए हैं और जहां प्रथम दृष्टया उल्लंघन नहीं पाए गए हैं. उन तक पहुँचने के लिए और छह महीने चाहिए. अपने आवेदन में, सेबी ने कहा कि 12 संदिग्ध लेन-देन की जांच से पता चला है कि ये जटिल थे और इसमें कई उप-लेनदेन शामिल थे और सत्यापन सहित विस्तृत विश्लेषण के साथ-साथ विभिन्न स्रोतों से डेटा इन लेनदेन की कठोर जांच के लिए आवश्यक होगा.
सेबी की जांच
अडानी समूह ने बयान में कहा, यह नोट करना उचित है कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर सेबी के आवेदन में किसी भी कथित गलत काम का कोई पता नहीं चला है. सेबी की जांच में देरी को कुछ हलकों में संदेह की दृष्टि से देखा गया है. . तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा और शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी ट्वीट कर सेबी पर सवाल खड़े किए हैं.
Comments
Add a Comment:
No comments available.