18 मई 2021 से श्री बदरीनाथ के कपाट खुल जाएंगे। इस तारीख को शाम सवा चार बजे श्रद्धालु बद्रीनाथ के दर्शन कर पाएंगे। बसंत पंचमी पर नरेंद्र नगर मौजूद राज घराने के तीर्थ पुरोहितों ने मंगलवार को इस बात की घोषणा पूरे विधि-विधान और पूजा-पाठ के साथ की है। इसकी घोषणा नरेंद्र नगर राज महल से टिहरी नरेश मनुजेंद्र शाह करते हुए दिखाई दिए थे।
चारधाम देवस्थान बोर्ड ने सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है कि भगवान विष्णु को समर्पित बाबा बदरीनाथ धाम के कपाट तो तय की गई तारीख को ब्रह्म मुहूर्त में 4 बजकर 15 मिनट पर खुलेंगे। आपको इस बात की हम जानकारी दे देते हैं कि 19 नवंबर को शीतकाल में कपाट बंद हुए थे। हर साल सर्दियों में भगवान बद्रीनाथ के कपाट बंद कर दिए गए हैं।
जब दोबारा से कपाट खोले जाते हैं तो मंदिर में दर्शन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। इसके अलावा हिन्दुओं के चार खास धामों में से एक है बद्रीनाथ। इसके अलावा कोरोना के चलते यहां यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए गाइडलाइंस जारी की जा सकती है। ये मंदिर हिमालय की पर्वत श्रेणी में अलकनंदा नदी के तट पर मौजूद है। यहां पर जंगली बेरिया बहुतायात में पाई जाती है इसी वजह से इस स्थान का नाम बदरीनाथ पड़ा है। ये भगवान विष्णु का मंदिर है। यहां पर नर और साथ ही नारायण भगवान की पूजा की जाती है। ये मंदिर तीनों भागों में बंटे हुआ है- पहला गर्भगृह, दर्शनमण्डप और सभामंडल।
ये है बदरीनाथ मंदिर की खासियत-
- बदरीनाथ मंदिर के परिसर में 15 मूर्तियां मौजूद है। लेकिन सबसे प्रमुख भगवान विष्णु की मूर्ति है।
- 1 मीटर ऊंची काले पत्थर की भगवान की मूर्ति यहां मौजूद है।
- भगवान विष्णु यहां पर मग्न मुद्रा मे मौजूद है, जिनके दाहिनी तरफ कुबेर, मां लक्ष्मी और नारायण की मूर्तियां मौजूद है।
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