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बीसीसीआई की तरफ से साल 2023-24 के लिए केंद्रीय कॉन्ट्रैक्ट जारी कर दिया गया है, इसके बाद ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या के फैंस उन्हें अपना निशाना बना रहे हैं। खिलाड़ी को लगातार इंजरी और टीम से बाहर रहने के बावजूद भी रिजेक्ट नहीं किया गया है, पिछले साल की तरह ही बीसीसीआई ने एक बार फिर खिलाड़ी को ए ग्रेड में बरकरार रखा है। वही, टीम के अन्य खिलाड़ी जैसे इशान किशन और श्रेयस अय्यर को टीम से बाहर कर दिया गया है, क्योंकि दोनों ही खिलाड़ियों ने रणजी में चेतावनी के बाद भी हिस्सा नहीं लिया था।
खिलाड़ी नहीं खेले रणजी मैच
बता दें कि, हार्दिक पांड्या इन दिनों आईपीएल की प्रैक्टिस के लिए जमकर पसीना बहा रहे हैं, लेकिन उन्होंने रणजी का एक भी मैच नहीं खेल है। यहां तक की टीम इंडिया से भी लंबे समय से बाहर रहे हैं, इसके बावजूद भी बोर्ड की तरफ से उन्हें मेहरबानी मिल रही है इसके पीछे की वजह चौंकाने वाली है।
खिलाड़ियों में बना डर का माहौल
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड रणजी ना खेलने पर खिलाड़ियों के साथ सख्ती बरतना शुरू कर चुका है। ईशान किशन और और श्रेयस अय्यर ने मौजूदा रणजी ट्रॉफी में खेलने से साफ मना कर दिया था, जिसके बाद उन्हें अब बाहर कर दिया गया है, इसके बाद इंडियन खिलाड़ियों में डर का माहौल बना हुआ है।
किस वजह से मिली सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में जगह
जब से बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को हिदायत दी है, तब से खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट को हल्के में नहीं लेना चाहते हैं। वही, ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या की बात करें, तो खिलाड़ी डोमेस्टिक क्रिकेट में नजर आ सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, हार्दिक पांड्या ने बीसीसीआई को आश्वासन दिया है कि, अगर कोई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता नहीं है तो वह सफेद गेंद के घरेलू मैचों में खेलेंगे। इस तरह से देखा जाए तो हार्दिक पांड्या ने बीसीसीआई को सफेद बॉल से खेलने का लालच दिया है और कॉन्ट्रैक्ट में अपनी जगह बना ली है।
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