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प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े ने बड़ा कदम उठाया है। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटाते हुए अखाड़े से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद और अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है। ऋषि अजय दास ने घोषणा की कि किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन किया जाएगा और जल्द ही नए आचार्य महामंडलेश्वर की नियुक्ति होगी।
महाकुंभ में संन्यास और महामंडलेश्वर का पद
कुछ दिनों पहले, ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज महाकुंभ में संन्यास लेने की घोषणा की थी। उन्होंने किन्नर अखाड़े में आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की थी और संगम पर पिंडदान किया था। इसके बाद उनका राज्याभिषेक किन्नर अखाड़े में हुआ और उन्हें 'श्री यमई ममता नंद गिरि' नाम दिया गया। साथ ही, उन्हें महामंडलेश्वर पद भी प्रदान किया गया था।
ममता कुलकर्णी का आध्यात्मिक सफर
समाचार एजेंसी IANS को दिए एक इंटरव्यू में ममता कुलकर्णी ने बताया था कि उन्होंने अध्यात्म की राह पर चलने के लिए भारत छोड़ा था। 1996 में उनका झुकाव आध्यात्म की ओर हुआ और गुरु गगन गिरि महाराज से उनकी मुलाकात हुई। इसके बाद, उन्होंने 2000 से 2012 तक कठोर तपस्या की।
ममता ने बताया कि उन्होंने अपने कई साल दुबई में बिताए, जहां वे एक छोटे से फ्लैट में ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए रहीं। उनकी आखिरी बॉलीवुड फिल्म 2002 में 'कभी तुम कभी हम' थी, जिसके बाद उन्होंने मनोरंजन जगत से दूरी बना ली।
महामंडलेश्वर बनाए जाने पर विवाद
ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर कई संतों ने आपत्ति जताई थी। इस निर्णय का काफी विरोध हुआ, जिससे विवाद गहराता गया। अंततः, किन्नर अखाड़े ने बड़ा फैसला लेते हुए उन्हें पद से हटा दिया और अखाड़े से निष्कासित कर दिया।
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