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आमतौर पर सपने सभी को आते हैं वो चाहे बच्चा हो या बुजुर्ग। सपने आना स्वभाविक है लेकिन कई सपनों का अलग-अलग मतलब होता है। ऐसे में कई सपने आपको खुशी देते है तो कई ऐसे सपने होते है जिसको देखने के बाद आप परेशान हो जाते है। बुरे सपने के बाद इंसान को कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। बुरे सपने न केवल नींद ही खराब करते बल्कि यह आपको मानसिक और शारीरिक रुप से भी प्रभावित करते है। बुरे सपने देखने के बाद व्यक्ति की जब नींद टूटती है तो उसकी घबराहट की वजह से दिल की धड़कने तेज होने लगती है लेकिन कुछ देर बाद व्यक्ति नॉर्मल हो जाता है।
नाइटमेयर यानि बुरे सपने एक प्रकार का डिसऑर्डर है। इसके साथ ही बुरे सपने आने के कई कारण हो सकते है जैसे नींद न आना, डरावनी फिल्में या किताबे पढ़ना, किसी बात को सोचना या फिर अपनी लाइफ में घटित किसी बुरी घटना के बारे में सोचना। यही नहीं बच्चों को बुरे सपने आना उनके लिए खतरनाक साबित हो सकते है। बच्चों में ऐसे सपनों का आना नॉर्मल है लेकिन बुरे सपने तो बुरे सपने होते ही है जिनका बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है और वह परेशान होने लग जाते है जिससे उनकी सेहत पर भी प्रभाव पड़ता है। बच्चों में क्रोध, तनाव, चिंता, उदासी और डिप्रेशन जैसी भावनाओं के कारण नाइटमेयर आते है। ऐसे में अगर आपके बच्चों को भी बुरे सपने आते है तो इन कारणों से आप अपने बच्चों में बुरे सपने होने की संभावना को कम कर सकते हैं।
पर्याप्त नींद लें
आपके बच्चों के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत आवश्यक है। इसके साथ ही उनके लिए कम से कम 3 घंटे की गहरी नींद लेना जरूरी है वही आप ध्यान दें कि आपका बच्चा ठीक समय पर ही सोएं।
अपने बच्चे को करें प्रोत्साहित
एक बच्चा हमेशा प्यार और सुकुन ही चाहता है। जिसके लिए आप अपने बच्चे को पूरा समर्थन दें और समय-समय पर उनकी सराहना करके उन्हें प्रोत्साहित करें।
मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से रोकें
सोने से पहले अपने बच्चे को मोबाइल फोन से दूर रखें। यह न केवल बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेटस से दूर रखेगा बल्कि यह उन्हें किसी भी अनावश्यक चीजों के प्रयोग से भी दूर रखेगा।
बिना झिझके शेयर करें सारी बातें
सुनिश्चित करें कि आप उनके आस-पास ऐसा माहौल को बनाकर रखें जिससे आपके बच्चे बिना झिझके कोई भी परेशानी को खुलकर रख सकें क्योंकि यह उनके दिमाग को शांत करने का काम करेगा।
by-asna zaidi
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