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दिल्ली को नए मेयर मिलने का आज तीसरा प्रयास जारी है. आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच झड़पो के चलते पहले दो प्रयास विफल हो गए हैं. मेयर का चुनाव कराने को लेकर सोमवार को यानी की आज होने वाली तीसरी बैठक में भी हंगामे के आसार नजर आ रहे हैं. एक बार फिर मनोनीत सदस्यों के मसले पर चुनाव के दौरान हंगामा हो सकता है. महापौर चुनाव के सदन की बैठक के लिए निगम की तैयारी फिर पूरी हो गई है. सदन और सिविक सेंटर को फूलों से सजाया जा रहा है. बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी. वहीं आप का दावा है कि बीजेपी इस बार भी हंगामा करेगी.
पार्षदों के वाहनों को ही सिविक सेंटर में प्रवेश मिलेगा
बताया जा रहा है कि पार्षदों के वाहन को अधिकृत स्टीकर के माध्यम से ही सिविक सेंटर में प्रवेश मिलेगा. साथ ही कार्यकर्ताओं को सिविक सेंटर के ए-ब्लाक भूतल पर स्क्रीन लगाई गई है. कार्यकर्ता यहां से कार्यवाही का सीधा प्रसारण देख सकेंगे. सदन की बैठक चौथे तल पर होगी.
BJP करेगी हंगामा; AAP
मेयर चुनाव से पहले दिल्ली उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बड़ा दावा करते हुए भाजपा पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "बीजेपी ने अपने पार्षदों को आज फिर एमसीडी बैठक में मेयर चुनाव न होने देने के निर्देश दिए हैं. बीजेपी पार्षदों को कहा गया है सदन शुरू होते ही किसी बहाने से हंगामा कर देना. पीठासीन अधिकारी पिछली बार की तरह फिर अनिश्चित काल के लिए सदन स्थगित कर देंगी. उपराज्यपाल फिर से 20 दिन बाद की तारीख देंगे."
मनोनीत सदस्यों से कराई जा सकती है वोटिंग
आम आदमी पार्टी को आशंका है कि महापौर और उपमहापौर के चुनाव में मनोनीत सदस्यों से वोटिंग कराई जा सकती है. दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक के लिए जारी कार्यसूची के अनुसार सबसे पहले पीठासीन अधिकारी महापौर का चुनाव कराएंगी, जिसमें पार्षदों से लेकर, राज्यसभा और लोकसभा के सांसद के साथ 14 मनोनीत विधायक वोट डालेंगे.
पुलिस अर्धसैनिक बल तैनात
हंगामे और किसी भी तरह की स्थिति पर नियंत्रण के लिए दिल्ली पुलिस के साथ अर्धसैनिक बल भी तैनात रहेंगे. सदन के भीतर भी पर्याप्त संख्या में सिविल डिफेंस वालंटियर्स और कमांडो तैनात रहेंगे.
AAP चाहती है शांतिपूर्ण चुनाव
आप की रणनीति फिलहाल शांतिपूर्ण तरीके से महापौर का चुनाव कराने की है. छह जनवरी को हुई बैठक में आप पार्षदों द्वारा की गई गलती के बाद से पार्टी अब पूरी तरह से महापौर का चुनाव कराने के पक्ष में है. 24 जनवरी की बैठक में भी आप के पार्षदों को इस तरह से बैठाया गया था कि वे हंगामा न कर पाएं. साथ ही हंगामे के लिए किसी तरह के उकसावे में न आ सकें. इसलिए आप पार्षदों के बैठने के स्थान पर पार्टी ने दोनों ओर वरिष्ठ पार्षदों को बैठाया था. फिर भी कुछ पार्षदों से भाजपा पार्षदों की झड़प हुई और बैठक स्थगित कर दी गई थी. आप ने इस बार भी शांति से महापौर चुनाव कराने की रणनीति बनाई है.
दो कोशिशें हो चुकी हैं बेकार
बता दें कि इससे पहले दो कोशिश नकाम हो चुकी है. सबसे पहले छह जनवरी को हुई बैठक में भी आम आदमी पार्टी (आप) ने मनोनीत सदस्यों को सबसे पहले शपथ दिलाने पर विरोध जताया था. इसी बात को लेकर दोनों पार्टियों में जमकर हंगामा हो गया था. हंगामा इस कदर बढ़ गया था कि बैठक स्थगित हो गई थी. इसके बाद 24 जनवरी को हुई बैठक में भाजपा और आप पार्षदों में नोक-झोंक के कारण बैठक स्थगित हो गई थी.
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