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कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर दुनियाभर से डरावने आंकड़े सामने आ रहे हैं. भारत में भी ओमिक्रॉन से संक्रमित लोगों की संख्या 150 को पार कर गई है. यह चिंता का विषय है कि शुरुआती शोध यह संकेत दे रहे हैं कि ज्यादातर टीके भी इसके खिलाफ प्रभावी नहीं हैं. अच्छी खबर यह है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के बाद टीका पाने वाले लोग अधिक गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे हैं.
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कोरोना की मौजूदा वैक्सीन कितनी कारगर है, इसको लेकर फिलहाल दुनिया के कई देशों में शोध चल रहा है. शोध की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक ओमिक्रॉन संक्रमण से सिर्फ वही लोग बचे हैं जिन्होंने बूस्टर डोज के साथ फाइजर और मॉडर्न का टीका लिया है. लेकिन ये दोनों टीके अमेरिका के अलावा कुछ ही देशों में उपलब्ध हैं. एस्ट्राजेनेका, जॉनसन एंड जॉनसन और रूस के टीके भी ओमिक्रॉन के खिलाफ बहुत प्रभावी नहीं हैं. ऐसे में कोरोना महामारी को रोकना आसान नहीं होगा.
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ये दो वैक्सीन हैं कारगर
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, अब तक के अधिकांश साक्ष्य प्रयोगशाला प्रयोगों पर आधारित हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा को पूरी तरह से कवर नहीं करते हैं. फाइजर और मॉडर्न का टीका नई एमआरएनए तकनीक पर आधारित है. इन दोनों टीकों ने अब तक लोगों को कोरोना के हर नए रूप से सुरक्षा प्रदान की है. इसका उपयोग अमेरिका और यूरोप के कुछ देशों में किया गया है.
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