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उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, कालाजार/काला बुखार का एक-एक मरीज मिलने से सदर और रत्नापुर प्रखंड में दहशत का माहौल है. ऐसे में यह बीमारी ज्यादा लोगों को अपनी गोद में नहीं लेती है, इसलिए इसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग रेत मक्खी/रेत मक्खी को मारने के लिए कीटनाशकों का प्रयोग कर रहा है. लेकिन अल्फासाइपरमेथिन नाम का यह कीटनाशक पहले ही एक्सपायर हो चुका है.
बालू मक्खी को मारने के लिए विभाग द्वारा सदर प्रखंड के 9 गांवों, लक्षित आबादी के 783 घरों के 3132 कमरों और रत्नापुर प्रखंड के 8,073 कमरों की 3900 आबादी के 1,846 घरों में अल्फासाइपरमेथिन नामक एक्सपायर हो चुके कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है. यह कीटनाशक 24 दिन पहले ही एक्सपायर हो चुका है. सदर प्रखंड के धनेई पुलिस लाइन के एक सब-इंस्पेक्टर की कालाजार से मौत हो गई थी.
वहीं, रत्नापुर प्रखंड के एक व्यक्ति के संक्रमित होने के बाद बालू मक्खी को मारने के लिए दोनों प्रखंडों में अल्फासाइपरमेथिन नामक एक्सपायरी कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है.
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