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नोएडा में मौजूद ट्विन टावर एक ही झटके में जमींदोज हो गया है। 13 साल इस बिल्डिंग को बनाने में लगे थे। लेकिन केवल 9 से 10 सेकेंड के बीच ही ये गिर गई। बिल्डिंग करने के बाद चारों तरफ मलबे का धुआ-धुआ उठने लगा। ट्विन टावर गिराए जाने से किसी के हताहत होने की जानकारी सामने नहीं आई है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाए गए सभी कदम बिल्कुल सही है।
ट्वीन टावर्स को गिराने में कम से कम 17.55 करोड़ का खर्च आया था। इसे गिराने का खर्च भी बिल्डर कंपनी सुपरटेक ने वहन किया है। इस बिल्डिंग का निर्माण 200 से 300 करोड़ रुपये की लागत से ट्वीन टावर बनाया था। सामने आई जानकारी के मुताबिक जिस इलाके में ये टावर्स बने थे। वहां प्रॉपर्टी की कीमत फिलहाल 10 हजार रुपए प्रति वर्ग फीट है। इस हिसाब से सुपरटेक के दोनों टावर्स की वैल्यू 1000 करोड़ रुपये से ऊपर निकल जाती। लेकिन कानूनी मामले में फंसने की वजह से इन दोनों टावर की कीमत पर असर पड़ा औऱ इसकी वैल्यू 700 से 800 करोड़ रुपये थी।
आपको ये जानकार हैरानी होगी कि यह प्रॉपर्टी करीब डेढ़ दशक से विवादों के घेरे में रही। नोएडा के सेक्टर 93-ए में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के लिए जमीन का आवंटन 23 नवंबर 2004 में हुआ था। इस प्रोजेक्ट के लिए नोएडा अथॉरिटी के सुपरटेक को 84,273 वर्गमीटर जमीन आवंटित की थी। 16 मार्च 2005 को इसकी लीज डीड हुई, लेकिन इस दौरान जमीन की पैमाइश में लापरवाही के कारऱण कई बार जमीन बढ़ी या घटी हुई भी निकल आती थी।
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