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पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में आज नतीजे आ रहे हैं. वोटों की गिनती जारी है. त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए 16 फरवरी को मतदान हुआ था जबकि मेघालय और नगालैंड विधानसभा चुनाव के लिए 27 फरवरी को वोटिंग हुई थी. त्रिपुरा में जहां लगभग 88 प्रतिशत मतदान हुआ तो वहीं मेघालय में 76 प्रतिशत और नगालैंड में 84 प्रतिशत वोट पड़े थे. शुरुआती रुझानों में त्रिपुरा में बीजेपी ने आसानी से बहुमत हासिल कर लिया है. वहीं, नगालैंड में बीजेपी के गठबंधन वाली एनडीपीपी आगे चल रही है. वहीं, मेघालय में मौजूदा सीएम कोनराड संगमा की पार्टी एनपीपी आगे चल रही है. तीनों राज्यों में 60-60 सीटें हैं.
त्रिपुरा किसका क्या हाल?
त्रिपुरा में मतगणना शुरु होने के बाद ही सभी 60 सीटों पर रुझान आ गए हैं. बीजेपी 36, लेफ्ट 15 और टीएमपी 9 सीटों पर आगे चल रही है. हालांकि, 2018 की तुलना में पार्टी को नुकसान होता दिख रहा है. तब पार्टी ने राज्य में 35 सीटें जीती थीं.
नगालैंड एनडीडीपी की वापसी
रुझानों में नगालैंड में एनडीपीपी (बीजेपी गठबंधन) की सत्ता में वापसी होती दिख रही है. अब तक 58 सीटों पर आए रुझानों के मुताबिक, एनडीपीपी 36 सीटों पर आगे है. जबकि एनपीएफ 7 सीटों और कांग्रेस 2 सीटों पर आगे चल रही है. कांग्रेस 2 और अन्य 13 सीटों पर आगे हैं. मतों की गिनती अभी भी जारी है.
मेघालय में NPP की बढ़त
मेघालय में चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी 11 सीटों से आगे चल रही है. भाजपा, कांग्रेस 3-3 सीटों पर और TMC 2 सीट पर आगे चल रही है. मतों की गिनती अभी भी जारी है.
कैसा रहा है पिछले चुनाव के नतीजे
मेघालय में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 21 सीटों पर जत मिली थी. एनपीईपी ने 19 सीटें जीती थीं. यूडीपी के खाते में 6 सीटें गई थीं. 4 सीटें पीडीएफ ने जीती थीं. बीजेपी को 2 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
नगालैंड में पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2018 के चुनाव में एनपीएफ ने 26 सीटें जीती थीं. एनडीपीपी ने 17 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी को 12 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. बाकी सीटों पर अन्यों ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी.
त्रिपुरा में साल 2018 के चुनाव में पहली बार बीजेपी ने जीत हासिल की थी. बीजेपी ने 35 सीटों पर जीत का परचम लहराया था. सीपीएम के खाते में 16 सीटें गई थीं. आईपीएफटी ने 8 सीटें जीती थीं. जबकि कांग्रेस का त्रिपुरा में भी खाता नहीं खुला था.
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