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आज मना रहे है MDH मसाला किंग धर्मपाल गुलाटी की 98वीं वर्षगांठ, कोरोना के चलते हुआ था निधन

आज धर्मपाल गुलाटी की 98 वी वर्षगांठ है तो इस खास मौके पर हम आप सबके लिए लेकर आए है धर्मपाल गुलाटी की जिंदगी का सफर

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By Asna | खबरें - 27 March 2021

MDH एक ऐसा ब्रांड है जो सालों से हमारे भोजन को स्वादिष्ट बना रहा है. यह ब्रांड भारत में ही नहीं दुनियाभर के कई हिस्सों में बस रहे लाखों- करोड़ों लोगों के किचन पर राज कर रहा हैं. जब भी आप अपने किचन में जाते होंगे एक मसाला का पैकेट जरुर नजर आते होंगे. जिसपर लाल पगड़ी में एक बूढ़े व्यक्ति की नजर आती है जी हां हम बात कर रहे है एमडीएच और इसके संस्थापक महाशय धर्मपाल गुलाटी की. धर्मपाल गुलाटी एक ऐसा नाम है जिसे हम हर समय याद कर सकते है. अपने जीवन में शून्य से शुरुआत कर शिखर पर पहुंचने वाले मसाला किंग हम सबके लिए है आज भी प्रेरणा के स्त्रोत है. आज धर्मपाल गुलाटी की 98 वी वर्षगांठ है तो इस खास मौके पर हम आप सबके लिए लेकर आए है धर्मपाल गुलाटी की जिंदगी का सफर  जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर दुनियाभर के मसालों पर राज किया है. 

पढ़ाई में नहीं लगता था मन 

आजादी से पहले के हिंदुस्तान के सियालकोट में धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 को सियालकोट में हुआ था. जो आजकल पाकिस्तान में है. गुलाटी के पिता मसालों का कारोबार करते थे. उनके दुकान का नाम था महाशियां दी हट्टी. गुलाटी को शुरूआत से हीं पढ़ाई में मन नही लगता था. धर्मपाल जी ने 1933 में 5वीं कक्षा में ही पढ़ाई से तौबा कर लिया. और पिता के साथ ही दुकान पर काम करने लगे. कुछ साल बाद पिता की मदद से शीशे का छोटा सा बिजनेस शुरु किया. उसके बाद साबुन और दूसरे कई कारोबार किए लेकिन उनका मन नहीं लगा. इसके बाद वो फिर से मसालों के कारोबार में वापस आ गए. 


1500 रुपये से शुरु हुआ MDH

1953 में, महाश्री धर्मपाल गुलाटी ने दिल्ली के करोलबाग इलाके में 1500 रुपये की लागत से मसाले बेचना शुरू किया. 1959 में महाश्री धर्मपाल गुलाटी ने चांदनी चौक में किराए की दुकान से कारोबार शुरू किया. उनकी मेहनत रंग लाई और कारोबार बढ़ने लगा,  कुछ समय बाद, उन्होंने नई दिल्ली के कीर्ति नगर इलाके में एक मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट शुरू करने के लिए जमीन खरीदी. उन्होंने अपनी दुकान और कारखाने का नाम महाशय दी हट्टी MDH रखा। इसके बाद उनके जीवन में मसालों की खुशबू हमेशा के लिए भर गई.

सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले शख्स

महाशय धर्मपाल गुलाटी ने बाद में कई मसाला फैक्टियां शुरु कीं. पूरे देश में उनके मसाले, चावल और कपड़ा समेत कई तरह के प्रोडक्ट बेचे जाते हैं. MDH मसालों को देश ही नहीं विदेश में भी निर्यात किया जाता है. वर्ष 2017 में, मसाला किंग कंज्यूमर गुड्स प्रोडक्ट कंपनी का सीईओ थे. किंग ऑफ स्पाइसेस धर्मपाल गुलाटी 2020 में IIFL हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में भारत के सबसे पुराने अमीर व्यक्ति थे। 1500 रुपये से शुरूMDH के पास आज 5400 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है।

महंगी कारों के शौकीन थे मसाला किंग

अपनी कड़ी मेहनत और वैभव के लिए प्रसिद्ध, मसाला राजा महाशय धर्मपाल गुलाटी भी महंगी और लक्जरी कारों के शौकीन थे. उनके कलेक्शन में 7 करोड़ की रॉल्स रॉयस घोस्ट कार थी. इसके अलावा, क्रिसलर 300, मर्सिडीज बेंज, टोयोटा इनोवा क्रिस्टा जैसी प्रसिद्ध महंगी कारें थीं. इसके अलावा, हांडा और टोयोटा सहित कई ब्रांड की कारें उनके कार कलेक्शन में थीं।

 पद्म भूषण से हो चुके है सम्मानित 

महाशय धर्मपाल गुलाटी अपने मसाला प्रोडक्ट के विज्ञापन में भी नजर आते थे. देगी मिर्च समेत कई प्रोडक्ट के लिए उन्होंने विज्ञापन भी  किए था.  उनका चेहरा ही MDH की पहचान बन गया था. धर्मपाल गुलाटी सबसे भारत के ज्यादा वेतन पाने वाले सीईओ थे. वह अपने वेतन का 90 फीसदी हिस्सा चैरिटी खर्च करते थे. उन्होंने बच्चों की पढ़ाई के लिए 20 स्कूलों की स्थापना कराई और सस्ते इलाज के लिए अस्पताल भी बनवाया. 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा धर्मपाल गुलाटी को तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया था. दिंसबर 2020 में धर्मपाल गुलाटी का दिल्ली के माता चंदन देवी हॅास्पिटल में कोरोना के चलते निधन हो गया था. 


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