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लोकसभा चुनाव शुरू होने वाला है इससे पहले ही मोदी सरकार ने अपने 10 साल के कामकाज और उपलब्धियां बताने के लिए श्वेत पत्र जारी किया है। आपको बता दें कि 2014 से पहले और 2014 के बाद सरकार ने अपने श्वेत पत्र में भारतीय अर्थव्यवस्था के फर्क को विस्तार पूर्वक बताया। इतना ही नहीं 69 पेज के इस श्वेत पत्र में सरकार ने यूपीए सरकार के दौरान अर्थव्यवस्था की खराब हालत और राजकोषीय घाटा कर्ज पर डिटेल रिपोर्ट भी दी है।
देश की आर्थिक नींव हुई कमजोर
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने यह कहा है कि यूपीए ने देश की आर्थिक नींव कमजोर कर दी है यूपीए के काल में भारतीय रुपयों में भारी गिरावट देखी गई है। साल 2014 की बात करें तो इससे पहले देश में बैंकिंग सेक्टर में संकट देखा गया था वहीं विदेशी मुद्रा भंडार में भी कमी आई थी। मिली जानकारी के अनुसार, यूपीए सरकार ने रेवेन्यू का गलत इस्तेमाल किया इतना ही नहीं 2014 के बाद मोदी सरकार ने आर्थिक चुनौतियों का सामना भी किया और इसमें सुधार भी किया है। सरकार के श्वेत पत्र पर लोकसभा में शुक्रवार को चर्चा भी की गई, जबकि संसद के उच्च सदन राज्यसभा में श्वेत पत्र पर शनिवार को चर्चा होनी बाकी है।
श्वेत पत्र में लिखी अहम बातें
- आपको बता दें श्वेत पत्र में यह लिखा गया है कि यूपीए सरकार को एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था विरासत में मिली है जो अधिक सुधारों के लिए तैयार थी लेकिन इसने अपने 10 वर्ष गैर निष्पादित बना दिया।
- यूपीए सरकार 1991 के सुधारों का श्रेय लेने में शायद ही कभी विफल रहता है, उसने 2004 में सत्ता में आने के बाद उसे छोड़ दिया।
- आपको बता दें यूपीएस सरकार की सबसे बड़ी विरासत बैंकिंग सेक्टर रहा है। 2014 में बैंकिंग संकट और दांव पर लगी पूर्ण राशि बहुत बड़ी थी।
- एक समय था जब कमजोर पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक थे आज के समय में हम शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है जो हर साल वैश्विक विकास में तीसरा सर्वाधिक योगदान देता है।
- कोलगेट घोटाला भी सामने आया अब हमने अर्थव्यवस्था और सार्वजनिक वित्त को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने के लिए पारदर्शी और वस्तुनिष्ठ नीलामी के लिए सिस्टम बनाया है।
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