Hindi English
Login

उत्तर भारत में दीवाली मानने का तरीका दक्षिण भारत से होता है अलग

दीवाली की बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है इसे हर हिस्से में लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं. वैसे दीवाली की धूम उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत में ज्यादा रहती है. और भारत के दूसरे हिस्सों में लोग इसे अलग अंदाज में सेलिब्रेट करते हैं.

Advertisement
Instafeed.org

By विपिन यादव | खबरें - 22 October 2022

दीवाली की बड़े ही धूमधाम से  मनाई जाती है इसे हर हिस्से में लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं. वैसे दीवाली की धूम उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत में ज्यादा रहती है. और भारत के दूसरे हिस्सों में लोग इसे अलग अंदाज में सेलिब्रेट करते हैं. क्या आप को पता है कि दक्षिण भारत के जश्न उत्तर भारत से थोड़ा अलग होता है. वैसे तो दिवाली भारत के दोनों हिस्सों में मनाया जाता है. लेकिन तिथि में बदलाव और कुछ मामलों के चलते दक्षिण भारत में त्योहार को एक दिन पहले ही मना लिया जाता है. यहां हम आपको बताने की कोशिश करेंगे कि उत्तर और दक्षिण भारत में कैसे अलग-अलग दिवाली मनाई जाती है.

दक्षिण भारत में दीवाली मनाने का तरीका

–कहता जाता है कि दक्षिण भारत के अधिकतर हिस्सों में दिवाली तब मनाई जाती है जब भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था.

– यह समय दिवाली के एक दिन पहले अमावस्य पर पड़ता है. दक्षिण भारत में इसे नरक चतुर्दशी के रूप में जाना जाता है. वैसे उत्तर भारत के मुकाबले दक्षिण भारत में दिवाली की धूम थोड़ी हल्की होती है.

–नरक चतुर्दशी के दिन यहां अधिकतर लोग तेल से स्नान करके दिन की शुरुआत करते हैं और फिर मंदिर में पूजा-पाठ करने के लिए जाते हैं. या फिर वे घर पर ही पूजा-अर्चना में जुट जाते हैं.

-  दिवाली के मौके पर यहां भी लोग मिठाईयों का आदान-प्रदान करते हैं और अपनों से मिलने जाते हैं. इसके अलावा संदेश भेजना और अपनों को शुभकामना देने की रीत दक्षिण भारत में भी निभाई जाती है.


 उत्तर भारत में दिवाली को मनाने का तरीका

– भगवान राम 14 साल के वनवास से बाद जब अयोध्या लौटे तो क्षेत्रवासियों ने पूरे क्षेत्र को दीयों से सजा दिया था.

– इस दिन लोग भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करके उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं, ताकि उनकी कृपा बनी रहे.

–उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में लोग लाइट्स, दीए और अन्य चीजों से घरों को सजाते हैं. इसके अलावा रंगोली के जरिए भी सेलिब्रेट किया जाता है.- उत्तर भारत के कई हिस्सों में दिवाली का जश्न फेस्ट या स्पेशल स्क्रीनिंग के जरिए भी मनाया जाता है.

– उत्तर भारत में दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस की धूम रहती है. इस दिन सोने के आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है और इस दिन भगवान कुबेर की पूजा करने का प्रावधान भी उत्तर भारत में प्रचलित होता है. इसके साथ ही दिवाली से हिंदू वित्तिय वर्ष की शुरुआत भी होती है.












Advertisement
Advertisement
Comments

No comments available.