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संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम), किसान संघों का एक छाता निकाय, एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने के लिए सोमवार को लखनऊ में एक महापंचायत आयोजित करने के लिए तैयार है, जिसका बेटा लखीमपुर में एक आरोपी है. खीरी हिंसा, उत्तर प्रदेश की राजधानी के इको गार्डन में होने वाली सभा की योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा से महीनों पहले बनाई गई थी. SKM ने रविवार को दिल्ली में एक बैठक में तारीख पर टिके रहने का फैसला किया.
प्रधान मंत्री की आश्चर्यजनक घोषणा के बावजूद, किसान नेताओं ने कहा है कि जब तक संसद में तीन विवादास्पद कानूनों को औपचारिक रूप से निरस्त नहीं किया जाता है, तब तक प्रदर्शनकारी हिलेंगे नहीं. उन्होंने सर को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की वैधानिक गारंटी के लिए भी संकेत दिया है और बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेना जारी रहेगा. भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रविवार को एक ट्वीट कर वैधानिक एमएसपी गारंटी की मांग को लेकर किसानों से 'किसान महापंचायत' के लिए लखनऊ में इकट्ठा होने का आह्वान किया.
सरकार द्वारा जिन कृषि सुधारो की बात की जा रही है। वह नकली व बनावटी है
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 21, 2021
इन सुधारो से किसानों की बदहाली रुकने वाली नही है
कृषि व किसान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाना सबसे बड़ा सुधार होगा#MSP_नहीं_तो_आंदोलन_वहीं #MSP_की_गारंटी_भी_चाहिए @ANI @PTI_News @PMOIndia pic.twitter.com/2uaYpJug4d
हिंदी में एक अन्य ट्वीट में उन्होंने दावा किया, "सरकार द्वारा जिन कृषि सुधारों की बात की जा रही है, वे झूठे और दिखावटी हैं. इनसे किसानों की दुर्दशा समाप्त नहीं होगी. किसानों और कृषि के लिए सबसे बड़ा सुधार न्यूनतम गारंटी वाला कानून बनाना होगा. समर्थन मूल्य." बीकेयू की उत्तर प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने कहा, ''प्रधानमंत्री ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि एमएसपी कानून कब बनेगा. गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को उनके पद से हटाया जाए, आंदोलन जारी रहेगा."
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