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देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बढ़ता नजर आ रहा है. इस बीच टाइप 1 डायबिटीज को अब इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के लिए सिरदर्द के रूप में देखा जा रहा है. ICMR ने सोमवार को टाइप 1 डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए. टाइप 1 डायबिटीज के लिए ये दिशानिर्देश प्रोफेसर (डॉ) बलराम भार्गव, डीजी और डीएचआर, आईसीएमआर द्वारा जारी किए गए हैं. ICMR की इस गाइडलाइन में भारत की युवा पीढ़ी में लगातार बढ़ती डायबिटीज का जिक्र है. टाइप 1 डायबिटीज बच्चों और युवाओं में सबसे आम बताया गया है. इसे समान रूप से व्यवहार करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
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डायबिटीज की जटिलताओं को किया जा सकता है नियंत्रित
जारी दिशा-निर्देशों में बताया गया है कि डायबिटीज को कम करने और इसकी जटिलताओं पर बेहतर नियंत्रण पाने के लिए कई तरह के उपायों पर काम किया जा सकता है. बेहतर जीवन जीने के साथ-साथ जीवन स्तर में भी सुधार हो सकता है.
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टाइप 1 डायबिटीज बच्चों और युवाओं को कर रही है प्रभावित
दिल्ली एम्स के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के प्रमुख निखिल टंडन ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि आईसीएमआर की इस गाइडलाइन के जरिए बच्चों और किशोरों को प्रभावित करने वाले टाइप 1 डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है. वहीं, गाइडलाइन की मुख्य विशेषता टाइप 1 डायबिटीज को नियंत्रित करना है.
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