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दोस्तों मोदी जी ने भारत खेल रत्न अवार्ड का नाम बदल दिया है, जिस खेल रत्न अवार्ड का नाम पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर था उसे बदल कर अब मेजर ध्यानचंद्र अवार्ड कर दिया गया है.अब मैं आपको मेजर ध्यानचंद्र के बारे में बता देती हूं. मेजर ध्यानचंद्र एक महा पुरुष थे और हॉकी के सबसे बेहतरीन प्लेयर भी मेजर ध्यानचंद्र वो इंसान थे जिसने विश्व में भारत का नाम किया और भारत के लिए कई बार गोल्ड मेडल भी लाये. आपको बता दें सन् 1936 की बात है जब जर्मनी में अडोल्फ हिटलर का राज था और उस वक़्त ओलंपिक्स जर्मनी के बर्लिन में हुआ था.
फाइनल मुकाबला जर्मनी और इंडिया के बीच खेला गया था, जिसमे भारत ने जर्मनी को 8-1 से हराया था. जिसमें मेन ऑफ़ द मैच थे मेजर ध्यानचंद्र, क्योंकी 8-1 के स्कोर में ध्यान चंद्र ने 3 गोल अकेले ही किये थे. ध्यानचंद्र की इस जीत के बाद हिटलर से ध्यानचंद्र को जर्मनी की सिटिजनशिप ऑफर की थी लेकिन ध्यान चंद्र ने सबके सामने इस कबूलने से मना कर दिया था और कह दिया था, कि इंडिया इस नॉट फॉर सेल. जिस वजह से हिटलर ध्यानचंद्र से और भी ज्यादा इम्प्रेस हो गए थे.
ध्यान चंद्र को लोग विज़ार्ड ऑफ़ हॉकी के नाम से भी जानते हैं. उस वक़्त भारत ने हॉकी में लगातार 6 गोल्ड मेडल जीत थे जिसमे पहला 1928 में दूसरा 1932 में और तीसरा 1936 में, लकिन बाद में हॉकी से ज्यादा लोग क्रिकेट को लग पसंद करने लगे थे क्योंकी हॉकी के खेल में कई बदलाव किये गए थे जिसका नुकसान भारतीय प्लेयर को हुआ था. पर अब एक बार फिर हॉकी का ट्रेंड लौट आया है, टोक्यो ओलंपिक्स 2020 में भारत का प्रदर्शन पहले के बेहतर रहा है.
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