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देश में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही थी कि अब कोरोना कहर कम हो जायेगा लेकिन उसका उल्टा ही हुआ है, और देश के कुछ राज्यों में एक बार फिर से कोरोना के आंकड़ों में तेज़ी देखने को मिल रही है। आंकड़ों की बात की जाए तो देश में कुल 87.28 लाख लोग कोरोना से संक्रमित पाए जा चुके हैं। साथ ही अब तक करीब 1.28 लाख मरीज़ों की मौत हो चुकी है। अब इस कहर से बचने के लिए लगातर वैक्सीन की खोज जारी है।लेकिन कहीं से कोई संतुष्टिजनक खबर नहीं मिल सकी। दनियाभर में कई वैक्सीन बनी उनके ट्रायल भी हुए लेकिन वो सफल नहीं हो सके। जिसकी बजह से कई बार उम्मीद भी टूटी और लोगों में डर भी व्याप्त हो शायद इस वायरस का कोई तोड़ ही नहीं है। लेकिन उसी बीच रूस से एक रहत भरी खबर सामने आई कि रूस में बनी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल सफल हो गया है। इस बात की जानकारी खुद रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने दी थी। पुतिन ने बताया कि ये वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और असरदार है। उनकी खुद की बेटी पर इस वैक्सीन का ट्रायल किया गया है।
हालांकि शुरुआती दौर में किसी को पुतिन की बात पर भरोसा नहीं था और कोई भी देश इस वैक्सीन को लेने को राजी नहीं था। यहां तक की डब्लूएचओ ने भी वैक्सीन को लेकर अपनी मंजूरी नहीं दी थी उनका कहना था उनको पूर्व में इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। सभी देश यहां तक की भारत भी इस वैक्सीन पर भरोसा करने को तैयार नहीं था। जबकि भारत और रूस के बीच गहरी दोस्ती है। भारत ये बात अच्छे से जनता था कि उसको वैक्सीन को लेकर कोई आपूर्ति नहीं होगी। भारत में 3 अलग-अलग वैक्सीन का ट्रायल हुआ और दुर्भाग्यपूर्ण वो सफल नहीं हो सके।
आखिर में भारत ने रूस में बनी स्पुतनिक वी वैक्सीन को लेने का फैसला लिया है। अब रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी की पहली खेप भारत पहुंच चुकी है जिसका एक वीडियो भी तेज़ी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है वैक्सीन का बड़ा सा बॉक्स एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक दिग्गज फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डी लैबोरेटरीज में इस वैक्सीन का ट्रायल के लिए भेजी जा रही है। देश में इस वैक्सीन का दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल किया जाना है। जो कि डॉ. रेड्डी लैबोरेटरीज में किया जायेगा। हालांकि रूस का कहना है कि अंतरिम परीक्षण परिणामों के अनुसार COVID-19 से लोगों की रक्षा करने में रूस का स्पुतनिक वी वैक्सीन 92 प्रतिशत प्रभावी है।
वैक्सीन स्पुतनिक-वी
कोरोना के बढ़ते कहर के बीच कुछ दिन पहले रूस ने एक राहत भरी खबर दी थी। रूस के मुताबिक स्पुतनिक-वी एक सुरक्षित और कारगर वैक्सीन है। जो कि 92 प्रतिशत प्रभावी भी है। पुतिन ने इस वैक्सीन की जानकारी खुद अपने ट्विटर हैंडल जरिये से दी थी। रूस में इसका ट्रायल हो चुका है और वहां के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। जिसके नतीजे भी सन्तुष्टिजनक हैं। वैक्सीन की जानकारी देते हुए पुतिन ने बताया था कि वैक्सीन का ट्रायल उनकी बेटी पर किया गया है और पूरी तरह स्वस्थ है।
फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डी लैबोरेटरीज
कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-वी का दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल भारतीय औषधी कंपनी डॉ॰ रेड्डीज लेबोरेटरीज में किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक रूसी स्पुतनिक वी वैक्सीन का ट्रायल 100 वॉलेंटियर पर किया जाएगा। डॉ॰ रेड्डीज लेबोरेटरीज को डॉ रेड्डीज के नाम से ज्यादा जाना जाता है। इसकी स्थापना वर्ष 1984 में डॉक्टर के. अंजी रेड्डी ने की थी। इस लेबोरेट्री की स्थापना करने से पहले डॉ॰ अंजी रेड्डी भारत सरकार के इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड में थे। डॉ॰ रेड्डीज कई प्रकार की दवायें बना कर देश-विदेश में व्यापर करती है। ये कंपनी करीब 190 से ज्यादा दवाएं, दवाओं के बनाने की 60 सामग्रियां, टेस्टिंग करने के उपकरण आदि का निर्माण एवं व्यापर करती है।
वैक्सीन है उम्मीद की किरण
कोरोना महामारी को दुनिया में आए हुए करीब-करीब 1 साल पूरा होने को है। लेकिन देश में वायरस का कहर काम होने की वजाय बढ़ता ही जा रहा है। देश में अब महामारी की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है जिसके चलते कुछ राज्यों में खासकर दिल्ली में महामारी ने फिर आतंक मचा दिया है हर दिन औसतन करीब 7-8 हज़ार मरीज रोज आ रहे हैं। अब इस वैक्सीन के आने से ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि कहीं न कहीं इससे लोगों को राहत मिलेगी। क्योंकि कोरोना कहर ने देश की स्थिति को हर तरह से प्रभावित कर दिया है। रूस के राष्ट्रपति के मुताबिक ये बहुत ही सुरक्षित और कारगर वैक्सीन है और इसके परिणाम पूरी तरह सकारत्मक है।
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