Story Content
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को स्वदेश में विकसित कम वजन की मानव-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जिससे सेना के लिए इसके उत्पादन का मार्ग प्रशस्त हुआ.
रक्षा मंत्रालय
रक्षा मंत्रालय ने मिसाइल के सफल परीक्षण को सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के लिए एक बड़ा बढ़ावा बताया. मिसाइल को भारतीय सेना की युद्धक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए विकसित किया जा रहा है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "आत्मामीर भारत' और भारतीय सेना को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा बढ़ावा देते हुए, डीआरडीओ ने 21 जुलाई को स्वदेशी रूप से विकसित कम वजन, फायर एंड फॉरगेट मैन-पोर्टेबल एंटीटैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया." .
मिसाइल को एक थर्मल साइट के साथ एकीकृत एक मानव-पोर्टेबल लांचर से लॉन्च किया गया था और लक्ष्य एक टैंक की नकल कर रहा था.मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "मिसाइल ने सीधे हमले मोड में लक्ष्य को मारा और इसे सटीक रूप से नष्ट कर दिया. परीक्षण ने न्यूनतम सीमा को सफलतापूर्वक सत्यापित किया है. मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया गया."
इसने कहा कि मिसाइल का अधिकतम सीमा तक सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया जा चुका है. मंत्रालय ने कहा, "परीक्षण स्वदेशी तीसरी पीढ़ी के मानव-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल के विकास को पूरा करने के करीब लाता है." रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल परियोजना में शामिल डीआरडीओ और अन्य हितधारकों को बधाई दी.
Comments
Add a Comment:
No comments available.