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सिद्धार्थ शुक्ला के निधन के बाद से शहनाज की हालत बद से बत्तर होती जा रही है. सिद्धार्थ के यूं अचानक चले जाने से शहनाज़ गहरे सदमे में है. जिससे निकलना उनके लिए नामुमकिन सा नज़र आ रहा है. ऐसे में शहनाज़ के परिवारवालों से उनकी हालत देखी नहीं जा रही है. शहनाज़ के पिता ने बेटी को इमोश्नली स्पोर्ट करने के लिए अपने हाथ पर शहनाज़ के नाम का टैटू बनवाया है. किसी भी बाप के लिए अपनी बेटी की ऐसी हालत देखना काफी मुश्किल काम है. वो एक पिता होने के बावजूद भी शहनाज़ का दुख कम करने में नाकामयाब है. ऐसे में फिल्म 'कबीर सिंह' का डायलॉग "Suffering is very personal" याद आ जाता है. जीवन का यही सच हा कि हम अपने करीबी को तकलीफ में देखकर खुद को दुखी कर सकते हैं लेकिन उसका दर्द कम करना तो समय के ही हाथ में है. हमारी ऊपरवाले से दुआ है कि शहनाज़ को और उसके परिवार को इस मुसिबत से जूझने की शक्ति दें.
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