Story Content
शब-ए-बरात का त्योहार दुनिया भर में मुस्लिम समुदाय द्वारा बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार शबन के मध्य में यानी 14 और 15 शाबान की रात को शब-ए-बरात मनाया जाता है. इसी के साथ शाबान इस्लामी चंद्र कैलेंडर का आठवां महिना है.
यह भी पढ़ें:इमरान सरकार की राजनीति डगमगाई, पार्टी के सांसद हुए नाराज
शब-ए-बारात की रात आज
शब-ए-बारात की रात के दौरान मुसलमान मस्जिद जाते हैं और अल्लाह के नाम का पाठ करते हैं, कुरान की पवित्र पुस्तक पढ़ते हैं और जितना संभव हो सके प्रार्थना में जागते रहने का प्रयास करते हैं. इसके अलावा, कुछ मुसलमान दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए अपने प्रियजनों की कब्रों के सामने प्रार्थना भी करते हैं. शब-ए-बारात की रात का मुख्य पालन मुसलमानों द्वारा पिछले पापों और गलत कामों से माफ़ी के लिए रात भर प्रार्थना करते हैं. दिन के समय लोग गरीबों के बीच भोजन और कपड़े बांटते हैं. इस रात पैगंबर हर घर का दौरा करते हैं और पीड़ित लोगों की परेशानियों को कम करते हैं रात में मुख्य कार्यक्रम से पहले मस्जिदों और घरों को दीयों और चमचमाते लाइट्स से सजाया जाता है.
यह भी पढ़ें:कोरोना मामले बढ़ने पर सरकार ने जाहिर की चेतावनी, सामने रखी ये बात
अलग-अलग देश अलग-अलग नामों से शब-ए-बारात मनाते हैं
अलग-अलग देश अलग-अलग नामों से शब-ए-बारात मनाते हैं, जैसे दक्षिण एशिया में लोग इस रात को निस्फ शबान अरबी दुनिया में लैलातुल बारात इंडोनेशिया और मलेशिया में निस्फू सिबान या मालम निस्फू सिबान और तुर्की में बेरात कंडिली के रूप में मनाते हैं. लेकिन त्योहार मनाने के पीछे का विचार हर जगह एक ही है दुआ करना और अल्लाह से हर किसी को उनका आशीर्वाद और प्यार देने के लिए कहना.
Comments
Add a Comment:
No comments available.