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इस साल सामान्य मॉनसून की वजह से बढ़ती महंगाई का सामना कर रहे लोगों को कुछ राहत मिल सकती है. अच्छी बारिश से खरीफ फसलों के उत्पादन पर असर पड़ता है, जिससे कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी आ सकती है. चावल, बाजरा, रागी, अरहर, मूंगफली, कपास, मक्का, सोयाबीन आदि खरीफ फसलें हैं और इनका उत्पादन ज्यादातर अच्छे मानसून पर निर्भर करता है. इनकी बुवाई जून-जुलाई में शुरू होती है.
आपूर्ति संकट
रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न आपूर्ति संकट ने विश्व स्तर पर खाद्य, ईंधन, उर्वरक और अन्य वस्तुओं की कीमतों को प्रभावित किया है. ऐसे में मानसून के दौरान अच्छी बारिश से खरीफ फसलों का उत्पादन बढ़ सकता है, जिससे महंगाई पर कुछ हद तक काबू पाया जा सकता है.
खुदरा मुद्रास्फीति
इस साल मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति लगभग 7 प्रतिशत बढ़ी, यह देखते हुए कि ऐसी अटकलें थीं कि आरबीआई इसे नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि कर सकता है. हालांकि मॉनसून के पूर्वानुमान ने देश की अर्थव्यवस्था को सुधरने का मौका दिया है. अच्छी बारिश न केवल कृषि क्षेत्र के लिए जरूरी है, बल्कि यह उद्योग के लिए वसंत भी लाती है. अच्छी बारिश के कारण कृषि मांग में तेजी आती है, जिससे उद्योग को प्रोत्साहन मिलता है. देश में पिछले तीन साल से अच्छी बारिश हो रही है.
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