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भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से बड़ी खबर सामने आ रही है, जिसमें गवर्नर शशिकांत दास ने यह कहा है कि, मौजूदा वित्त वर्ष 2023-2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था सरकार के दूसरे अग्रिम अनुमान 7.6 फीसदी से भी ज्यादा तेज गति से विकास कर सकता है। इतना ही नहीं आरबीआई गवर्नर का यह भी कहना है कि, मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.6 फीसदी से ज्यादा 8 फीसदी के करीब रह सकती है। इसके अलावा आरबीआई गवर्नर ने यह उम्मीद भी जताया है कि, अगले वित्त वर्ष 2024- 25 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7 फीसदी के दर से विकास करेगी।
कितना है महंगाई दर का लक्ष्य
बता दें कि, एक इंटरव्यू के दौरान आरबीआई गवर्नर ने यह कहा है कि, "भले ही महंगाई दर घटकर जनवरी 2024 में 5.1 फीसदी पर आ गया है, लेकिन अभी भी महंगाई की चिंता बनी हुई है। इसके अलावा वैश्विक भू-राजनीतिक, सप्लाई चेन साथ ही खाद्य वस्तुओं की कीमतें भी चिंता का कारण बनी हुई है। फिलहाल महंगाई दर घटकर 5.1 फीसदी पर आ चुकी है, लेकिन ये हमारे 4 फीसदी के लक्ष्य से अभी 110 बेसिस प्वाइंट दूर है, आरबीआई का लक्ष्य महंगाई दर को 4 फीसदी तक लाना है।"
महंगाई में आई कमी
महंगाई दर में कमी के बाद मौद्रिक नीति में बदलाव करने के सवाल के जवाब में आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि, "हम चाहते हैं कि महंगाई दर लंबे समय तक 4 फीसदी पर बनी रहे, तभी हमें भरोसा होगा कि महंगाई कम हुई है, उन्होंने कहा कि यह सच है कि महंगाई कम हो रही है।" इतना ही नहीं पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ भी कार्रवाई की आलोचना करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा, "आरबीआई की कार्रवाई रेग्यूलेटेड इकाई के खिलाफ है और ये किसी फिनटेक कंपनी के खिलाफ नहीं है। मुझे ये समझ में नहीं आ रहा है क्योंकि, ये नैरेटिव बनाने की कोशिश हो रही कि आरबीआई ने फिनटेक कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की है। उन्होंने आगे कहा है कि, यह कार्रवाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ है और मैं इसे लेकर डिफेंसिव नही हूं।"
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