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बैंक कर्मचारी संघ
बैंक कर्मचारी संघ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की सरकार की योजना के खिलाफ अपनी लड़ाई को तेज करने की योजना बना रहे हैं. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू), नौ प्रमुख बैंक यूनियनों का एक छाता निकाय, सभी राज्यों में धरना-प्रदर्शन की योजना बना रहा है. दो राज्य के स्वामित्व वाले ऋणदाताओं के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में शनिवार को राजधानी दिल्ली में फरवरी को पेश केंद्रीय बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी विनिवेश योजना के हिस्से के रूप में दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी.
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16 और 17 दिसंबर को यूनियनों ने ने हड़ताल करने की धमकी दी है. यूएफबीयू के सदस्यों में ऑल इंडिया.शामिल है .सरकार ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 को संसद के मौजूदा सत्र के दौरान पेश करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है.यूएफबीयू के सदस्यों में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ यानि आईबीईए अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ और राष्ट्रीय बैंक कर्मचारी परिसंघ अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ और बैंक कर्मचारी परिसंघ शामिल है.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफडरेशन के महासचिव संजय दास ने कहा, पब्लिक सेक्टर के बैंकों के निजीकरण से अर्थव्यवस्था के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को भारी नुकसान होगा और इससे स्वयं सहायता समूहों, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को कर्ज प्रवाह पर फर्क पड़ेगा.
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