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स्कूल में एग्जाम का टाइम टेबल शुरू होते ही बच्चों के बीच पढ़ाई का टेंशन बढ़ जाता है, लेकिन इसके बावजूद भी वह पूरी तरह एग्जाम के लिए तैयार नहीं हो पाते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि बच्चे अपने एग्जाम की टेंशन को पेरेंट्स के गुस्से के कारण भी शेयर नहीं करते हैं। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी है की वह अपने बच्चों को एग्जाम के लिए बेहतर तरीके से तैयार करें उनकी मदद करें। बच्चों पर पढ़ाई का दबाव बनाने की बजाय आपको उन्हें प्रिपरेशन कराना चाहिए विषयों के टिप्स देने चाहिए ताकि वह एग्जाम में बंपर नंबर लाएं।
टाइम टेबल है जरूरी
एग्जाम से पहले ही बच्चे तनाव में आने लग जाते हैं ऐसे में आपको अपने बच्चों को सबसे पहले तैयार करते हुए फायदे के बारे में समझता है और रोज पढ़ाई करने के लिए मोटिवेट करना है, उन्हें आप यह समझाएं कि यदि वह एग्जाम के आखिरी समय पर पढ़ते हैं तो उन पर ज्यादा प्रेशर आएगा। ऐसे में बच्चों के लिए टाइम टेबल बनाएं जिससे कि वह खेलने के साथ-साथ अपने सिलेबस को भी कवर करें।
सॉल्व कराएं पुराना क्वेश्चन पेपर
एग्जाम से पहले आप अपने बच्चों को पुराने क्वेश्चन पेपर सॉल्व करने के लिए दें, साथ ही सिलेबस को भी रिवाइज कराएं यह किसी भी एग्जाम की तैयारी के लिए सबसे अच्छा तरीका होता है। पेरेंट्स को अपने बच्चों के लिए पुराने पेपर अरेंज करना चाहिए और इन्हें रोज सॉल्व करना चाहिए।
स्टडी गोल बताएं
रोजाना पढ़ाई करने से पहले आपको अपना टारगेट सेट करना जरूरी होता है, इससे यह समझना बेहद आसान हो जाता है कि एग्जाम तक आप चीजों को कितने समय में कवर कर सकते हैं। इसके अलावा आपके बच्चों पर प्रेशर भी नहीं बनेगा, शुरुआत के सेशन में बच्चों के साथ बैठकर स्टडी गोल बनाएं।
घंटों पढ़ने की ना दें सलाह
कई बार ऐसा होता है कि पेरेंट्स बच्चों को खेलने से मना करते हैं और घंटों पढ़ाई करने के लिए कहते हैं, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस तरह बच्चों पर प्रेशर बनता है और वह मानसिक रूप से तनाव में रहते हैं। पढ़ाई करने के लिए बच्चों का माइंड एकदम फ्रेश होना चाहिए।
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