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बुधवार के दिन भारत के पहले सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी और बाकी 11 कर्मियों की विमान दुर्घाटन में मौत हो गई थी. अब उन सबके पार्थिव शरीर को सुलूर एयरबेस से दिल्ली लाया जाया जा रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पालम एयरपोर्ट पर उन्हें श्रद्धांजलि देने जा सकते हैं. दरअसल समाचार एजेंसी की माने तो पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री अजय भट्ट और एनएसए अजीत डोभाल आज शाम पालम तकनीकी क्षेत्र में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और बाकी 11 अन्य कर्मियों के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने जा सकते हैं.
हादसे में घायल हुए सभी लोगों को आज वेलिंग्टन में सैन्य अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी. इसके बाद सभी पार्थिव शरीर मद्रास रेजिमेंट सेंटर लाए गए. नीलगिरी के मद्रास रेजिमेंट सेंटर से सुलूर एयरबेस ले जाने के वक्त बिपिन रावत और बाकी लोगों के आखिरी दर्शन के लिए सड़कों पर स्थानीय लोगों की भीड़ लग गई. लोगों ने न केवल फूल बरसाए, बल्कि इस दौरान भारत माता के नारे भी लगाए गए. साथ ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जमा होते हुए नजर आए. एंबुलेंस पर फूल तक बरसाए गए. साथ ही जमकर भारत माता के नारे लगाए गए.
अधूर रह गई बिपिन रावत की ये ख्वाहिश
बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह रावत ने अपनी बात में बताया था कि जनरल रावत आखिरी बार अपने गांव थल सेना अध्यक्ष बनने के बाद अप्रैल 2018 में आए थे. जहां वह कुछ समय ठहरकर वह उसी दिन वापस चले गए थे. रावत ने अपनी बात में कहा कि इस दौरान उन्होंने यहां कुलदेवता की पूजा की थी. दिवंगत शीर्ष सैन्य अधिकारी के चाचा ने बताया कि उसी दिन उन्होंने अपनी पैतृक भूमि पर एक मकाने बनाने की सोची थी और ये कहा था कि वह जनवरी में सेवानिवृत होने के बाद यहां मकान बनाएंगे और कुछ वक्त गांव की शांत वादियों में बिताएंगे.
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