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पेगासस मामले ने राजनीति में एक अलग ही मुसीबत खड़ी कर दी है. और इस मुसीबत को खत्म करने का सुप्रीम कोर्ट काफी प्रयास कर रही है और आज इस मामले को लेकर सुनवाई भी होगी. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवि रमना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच करेगी.
आपको बता दें कोर्ट ने कहा है कि पत्रकारों और नेताओं की जासूसी करना बहुत बड़ा अपराध है. ये कहीं न कहीं हमारे आज़ादी को रोकता है. मालूम हो कि पत्रकार एनराम और शशिकुमार, सीपीएम के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास और वकील एमएल शर्मा ने ये याचिका को दायर की हैं. कोर्ट ने केंद्र को भी 7 सितंबर तक 9 याचिकाओं पर जबाब दाखिल करने का वक़्त दिया था.
क्या है पेगासस स्पाईवेयर?
पेगासस एक पावरफुल स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिए आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रिकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.
मामला क्या है
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऐसा माना जा रहा है कि इज़राइली सॉफ्टवेयर कंपनी NSO के स्पाइवेयर पेगासस के द्वारा पत्रकारों, कानूनविदों और नेताओं की जांच-पड़ताल कराई रही है, जिसमें इंडिया का भी नाम है. और इसके बाद विपक्षी नेताओं ने केंद्र में बैठी सरकार पर भी ये आरोप लगा चुकी है,लेकिन इसके बाद मोदी सरकार ने भी पलटवार करते हुए विरोध जताई है.
इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भी कहना है कि उनके फ़ोन को भी टैप किया गया है और इस मामले में न्यायिक जांच होनी चाहिए उन्होंने यह भी कहा कि ये सिर्फ मेरा निजी मामला नहीं है बल्कि ये जनता के आज़ादी पर भी आक्रमण है. मैं किसी से डरता नहीं हुं जो चुप-चाप बैठा रहूंगा.
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