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पाकिस्तानी लेखक और पत्रकार तारिक फतह का लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया. तारिक फतेह की बेटी नताशा फतेह ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है. तारेक फतह की बेटी ने पिता के निधन पर ट्वीट किया, 'पंजाब का शेर भारत कनाडाई प्रेमी का बेटा. जो सच बोलता है न्याय के लिए लड़ने वाला। शोषितों और वंचितों की आवाज तारेक फतह ने अपने अभियान को आगे बढ़ाया है. उनकी क्रांति उन सभी के साथ रहेगी जो उन्हें जानते और प्यार करते थे.
देशद्रोह का आरोप
पाकिस्तान के मशहूर लेखक तारिक फ़तह का जन्म 20 नवंबर 1949 को आज़ादी के बाद पाकिस्तान के कराची में हुआ था. 1960 और 1970 के दशक के अंत में वे वामपंथी छात्र आंदोलन के नेता बने रहे. यही वह समय था जब उन्हें पाकिस्तान सरकार द्वारा दो बार गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद, जनरल जिया-उल हक ने 1977 में उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया और उन्हें देश में एक पत्रकार के रूप में काम करने से रोका. वह 1987 में कनाडा चले गए और तब से एक पत्रकार के रूप में काम कर रहे हैं.
फतेह का सिर कलम
तारिक फतह अक्सर भारत के कई समाचार चैनलों पर डिबेट शो में दिखाई देते हैं. वह इस्लामिक कट्टरवाद और पाकिस्तान के खिलाफ बयान देता रहता है. यही वजह है कि कई बार उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिल चुकी है. तारिक फतह ने खुद बताया कि कुछ लोगों ने उनका सिर कलम करने की योजना बनाई है. इससे पहले साल 2017 में एक मुस्लिम संगठन ने तारेक फतेह का सिर कलम करने वाले को 10 लाख रुपये देने का ऐलान किया था.
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