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Flood in Delhi: उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में आसमान से हो रही आफत की बारिश ने लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली समेत अन्य राज्यों में बारिश से हाहाकार मच गया है. हर तरफ लोग परेशान हैं. पहाड़ से लेकर मैदान तक हर तरफ पानी ही पानी दिख रहा है.
इन राज्यों में मौसम विभाग का अलर्ट
इधर मौसम विभाग ने गुरुवार को भी कई राज्यों में बारिश का अलर्ट जारी किया है. आईएमडी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और बिहार में बारिश का अलर्ट जारी किया है.वहीं सरकार भी बाढ़ से निपटने के लिए अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.
सीएम केजरीवाल वजीराबाद जल उपचार संयंत्र का करेंगे दौरा
राजधानी दिल्ली में यमुना खतरे के निशान ऊफर बह रही है. यमुना नदी में उफान के कराण निगम बोध घाट, जैतपुर के पास का क्षेत्रों में पानी भर गया है. रिंग रोड आईटीओ में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसके कारण सड़क यातायात प्रभावित हो गया है. जानकारी के लिए बता दें कि गुरुवार सुबह 7 बजे यमुना नदी का जलस्तर 208.46 मीटर दर्ज किया गया. वहीं कल दोपहर 1 बजे नदी बाढ़ के उच्चतम रिकॉर्ड 207.49 मीटर को पार कर गयी थी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज वजीराबाद जल उपचार संयंत्र का दौरा करेंगे. बाढ़ के कारण प्लांट बंद कर दिया गया है.
बाढ़ के चलते दिल्ली के स्कूल बंद
दिल्ली में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एमसीडी के शिक्षा विभाग ने सिविल लाइन्स ज़ोन के निचले इलाकों में 10 स्कूल, शहादरा साउथ ज़ोन में 6 स्कूल और शहादरा नॉर्थ ज़ोन में 1 स्कूल को 13 जुलाई तक बंद करने का फैसला किया है. हालांकि इन स्कूलों के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाएंगी.
सीएम केजरीवाल ने बुलाई आपात बैठक
यमुना के रिकॉर्ड बढ़ते जल स्तर को देखते हुए बुधवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने सचिवालय में एक आपात बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में दिल्ली के मंत्री, मेयर और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, केंद्रीय जल आयोग ने बताया है कि यमुना का जलस्तर रात के 10-12 के बीच 207.72 मीटर हो जाएग. मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि अगर हो सके तो पानी की दिल्ली पहुंचने की गति को थोड़ा कम किया जाए. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत जी ने कॉल कर बताया कि हथिनीकुंड सिर्फ बैराज है और वहां कोई जलाशय नहीं है. वहां पानी रोकने की कोई सुविधा नहीं है.
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