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Russia Ukraine War Reason:आखिर क्या है विवाद की जड़, क्यों तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर पहुंची दुनिया?

10 नवंबर 2021 को पहली बार पता चला था कि रूस ने अपने soldiers को यूक्रेन के बॉर्डर पर तैनात कर दिया है.

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By Skandita | खबरें - 25 February 2022

रूस-यूक्रेन में क्यों हुई जंग, क्या थे कारण, और क्यों तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर पहुंची दुनिया?   पिछले कई दिनों से दोनों देशों के युद्ध के हालात बन रहे थे. उक्रैन रशिया वॉर जैसे # चैनल्स की हैडलाइन बन गए थे. और फिर 24 फ़रवरी को छिड़ गयी जंग. हमले और विस्फ़ोट की आवाजें दूसरे देशो तक सुनाई देने लगी.

10 नवंबर 2021 को पहली बार पता  चला था कि रूस ने अपने soldiers को यूक्रेन के बॉर्डर पर तैनात कर दिया है. और ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी की रूस फ़रवरी में कभी भी हमला बोल सकता है. ओर जब इस बात की खबर US को मिली को जो बिडेन (joe biden) ने भी धमका  दिया कि अगर रूस  ने यूक्रेन पर हमला किया तो इसका परिणाम अच्छा ही होगा.  इसके बावजूद भी 21 फ़रवरी को रूस ने टीवी पर हमला करने का ऐलान कर दिया.

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इस युद्ध ने यूरोप में महायुद्ध व तीसरे विश्व के हालात पैदा कर दिए हैं. रूस ने भी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतारने का ऐलान किया है तो अमेरिका के नेतृत्व में नाटो भी मैदान संभाल सकता है. यूक्रेन ने जवाबी हमले शुरू कर दिए हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर इस विवाद की जड़ क्या है? सोवियत संघ के जमाने में कभी मित्र रहे ये प्रांत दो देश बनने के बाद एक दूसरे के शत्रु क्यों बन गए हैं.

यूक्रेन की सीमा पश्चिम में यूरोप और पूर्व में रूस से जुड़ी है. 1991 तक यूक्रेन पूर्ववर्ती सोवियत संघ का हिस्सा था. लेकिन 1991 के बाद अर्थवयवस्था ऐसी ख़राब हुई की की सोवियत संघ 15 देशों में टूट गया. अब इनकी 15 देशों में से एक यूक्रेन भी है. लेकिन यूक्रेन ने यूरोपीय संघ से हाथ मिला लिया और यूरोपीय संघ यानि अमेरिका रूस का जानी दुश्मन है. यूरोपीय संघ का गब्बर है अमेरिका. और अमेरिका ने यूक्रेन को अपना दोस्त पाल  लिया. मतलब दुश्मन करीब में अपना दोस्त बैठा हो तो क्या ही बात है. लेकिन ये बात रूस को कैसे हज़म होगी कि रूस के बगल अमेरिका का खबरी रहे.

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उसके बाद 2014 में रूस ने यूक्रेन के किनारे वाले समुंदर क्रीमिया पर कब्जा कर लिया. क्युकी क्रीमिया में गैस कोयला जैसे प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध है. अब इस बात से खफा होकर यूरोपिया देश ने यूक्रेन से कहा कि तुम हमारे मित्र और हम तुम्हारी  मदद करेंगे, अरे ऐसे  कैसे कोई तुम्हारे संसाधनों  पर कब्ज़ा कर सकता है. अब ऐसे तो अमेरिका रूस से चिढ़ता है. लेकिन डायरेक्ट लड़ाई भी नहीं करना चाहता इसलिए उक्रैन के कंथे पर बन्दूक रखके चलाना चाहता है. मतलव उक्रैन की मदद करके.  अब मदद करने के लिए अमेरिका ने 30 देशों का एक संगठन बना दिया है. और इस संगठन का नाम है NATO एंड NATO स्टैंड फॉर नार्थ अटलांटिक ट्रीटी आर्गेनाईजेशन. ये NATO ऐसे काम करता है जैसे किसी देश पर हमला हुआ तो ये बाउंचर की तरह जवावी कारवाही करेंगे. इनको हम भाड़े की फ़ौज भी कह सकते हैं. तो अब जब Ukraine पर हमला हुआ है तो अमेरिका चाहता  है कि Ukraine NATO का हिस्सा बन जाये, और फिर तो रूस को देख ही लेंगे. लेकिन तिलमिलाया हुआ रूस कह रहा है कि उक्रैन ऐसे कैसे तुम हमारे दुश्मन से हाथ मिला सकते  हो. और इसलिए रूस ने एलियन कर दिया है की जो भी हमारे और उक्रैन की लड़ाई के बीच में आएगा वो हमारा बन जायेगा.

दोस्तों रूस और अमेरिका दोनों अपने आपको बड़ा समझते हैं. अमेरिका कहता है हम सबसे बड़े दादा है, और राष्ट्रपति पुतिन की है की नहीं हम है सबसे बड़े. बलि का बकरा है. तो कुल मिलकर अमेरिका और रूस की तकरार में यूक्रेन और अब उक्रैन को भी ऐसा लग रहा है कि NATO के साथ मिल जाने में ही भलाई है, और अर्थव्य्वश्था भी सुधर जाएगी, लेकिन अगर ऐसा हो गया तो रूस के दुश्मन  देश उनकी सीमा तक पहुंच जायेंगे. यूक्रेन की नाटो से करीबी रूस को नागवार गुजरने लगी और रूस ने हमला बोल दिया.

 रूस ने अमेरिका व अन्य देशों की पाबंदियों की परवाह किए बगैर गुरुवार को यूक्रेन पर हमला बोल दिया। अब यदि नाटो ने रूस पर जवाबी कार्रवाई की और योरप के अन्य देश इस जंग में कूदे तो तीसरे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ जाएगा. फ़िलहाल पीएम मोदी इस मुद्दे पर बैठकर बातचीत करके निर्णय निकलना चाहते हैं जो कि सही भी है.

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