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पाकिस्तान में राजनीतिक संकट के बीच एक नया राजनीतिक युद्ध छिड़ गया है.'कप्तान का प्लान बी' सफल हुआ है.रविवार को नेशनल असेंबली में इमरान सरकार में मंत्री रहे चौधरी फवाद हुसैन ने 'प्लान बी' आजमाया और कुछ ही पलों में विपक्ष के होश उड़ गए.
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नेशनल असेंबली में फवाद हुसैन ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव आम तौर पर एक लोकतांत्रिक अधिकार है. संविधान के अनुच्छेद 95 के तहत अविश्वास प्रस्ताव दायर किया गया है, लेकिन दुर्भाग्य से यह एक विदेशी सरकार द्वारा सत्ता परिवर्तन के लिए एक प्रभावी संचालन है. उनके भाषण के कुछ क्षण बाद, नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम खान सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कार्यवाही स्थगित कर दी.
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डिप्टी स्पीकर ने विदेशी साजिश का आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया.साथ ही कहा कि यह असंवैधानिक है.संसद की अगली बैठक 25 अप्रैल को होगी.
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