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बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने जीत हासिल की जिसके बाद से इस बात पर चर्चा चल रही थी कि आखिर इस बार बिहार का सीएम किसे बनाया जायेगा। लेकिन इन सभी अटकलों के बीच बीजेपी ने घोषणा की कि बिहार में नितीश की जगह कोई नहीं ले सकता वो ही सीएम पद पर आसीन होंगें। जिसके बाद नितीश ने सीएम के पद से स्तीफा दिया और फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेताओं के बीच रविवार को एक संयुक्त बैठक हुई, जहां बिहार में महागठबंधन के नेता के रूप में नीतीश कुमार को चुना गया था। जिसके बाद आज सोमवार को नीतीश कुमार शाम 4:30 बजे लगातार चौथी बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। नितीश के आवास पर हुई बैठक में मौजूद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा की कि कुमार को बिहार में राजग के नेता के रूप में चुना गया है।
बता दें कि बिहार में बीजेपी 74 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर आकर आई हैं। वहीं दूसरी तरफ बिहार चुनाव में सिर्फ 43 सीटें जीतने में कामयाब रही है। लेकिन उसके बाद भी प्रधानमंत्री मोदी सहितसभी बड़े नेताओं ने नीतीश को राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में चुनने का फैसला किया। ये फैसला चुनाव शुरू होने से पहले ही ले लिया गया था।
डिप्टी सीएम को लेकर सस्पेंस
जहां एक तरफ सीएम के लिए नितीश कुमार के नाम की घोषणा कर दी गई वहीं दूसरी तरफ डिप्टी सीएम पर अभी भी सस्पेंस मंडरा रहा है। अब सवाल ये उठता है कि क्या सुशील कुमार मोदी ही उपमुख्यमंत्री बने रहेंगे या बीजेपी कोई नया चेहरा चुनेगी, तो सूत्रों के मुताबिक जानकारी मिली है कि भाजपा डिप्टी सीएम के लिए तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को चुन सकती है।
तारकिशोर प्रसाद
बीजेपी के वरिष्ठ नेता तारकिशोर प्रसाद बिहार के सीमांचल इलाके के रहने वाले हैं। तारकिशोर को कटिहार सीट से चौथी बार विधायक चुना गया है। ऐसा माना जाता है कि वो सुशील मोदी के काफी करीबी नेताओं में से एक हैं। तारकिशोर ने अखिल विद्यार्थी परिषद से अपने राजनितिक सफर की शुरुवात की थी और संघ से भी जुड़े रहे। अक्टूबर 2005 के चुनाव में उन्हें पहली बार विधायक चुना गया। 2015 में लालू और नीतीश की मजबूत जोड़ी पर भी तारकिशोर प्रसाद भारी पड़े थे।
रेणु देवी
बीजेपी विधायक रेणु देवी ने दुर्गावाहनी से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी और बीजेपी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर भी रहीं। रेणु देवी का जन्म 1 नवंबर 1959 को हुआ था। रेणु देवी बचपन से ही संघ से जुड़ गईं थीं। साल 1981 से वो सक्रीय हुई महिलाओं के हक़ के लिए लड़ी और साल 1988 में बीजेपी की दुर्गावाहिनी की जिला संयोजक बनाई गयीं।
साल 1989 में इन्हें चंपारण क्षेत्र की अध्यक्ष चुना गया। फिर 1990 में तिरहुत प्रमंडल में महिला मोर्चा का प्रभारी बनाई गई। उसके बाद 1991 में प्रदेश महिला मोर्चा की महामंत्री का पद सौंपा गया। इसके बाद 2005 में फरवरी और अक्टूबर चुनाव हुए जिसमे बेतिया से जीत हासिल कर विधानसभा पहुंच गयीं।
2007 में रेणु देवी को बिहार सरकार में कला एवं संस्कृति मंत्री पद का कार्यभार सौंपा गया। उसके बाद अब 2020 में एक बार फिर बेतिया सीट पर जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचीं हैं। अब पार्टी द्वारा उन्हें विधायक दल का उपनेता चुना गया है साथ ही डिप्टी सीएम के लिए उनका नाम भी लिस्ट में शामिल है।
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