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केन्द्रीय जांच ब्यूरो(CBI)ने आज बुद्धवार को चर्चित कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया को टेप किए गए 8,000 बातचीत से संबंधित मामले में क्लीन चिट मिल गई है. एक दशक पहले यह मामला काफी चर्चा में सामने आया था. केंन्द्रीय जांच एजेंसी ने आयकर विभाग की ओर से टेप किए गए बातचीत की इन सामग्री की जांच के लिए 14 'प्रारम्भिक पूछताछ' शुरु की थी. मगर केस से जुड़ा कोई मामला नहीं बनने के कारण प्रारंभिक पूछताछ बंद कर दी गई. इस मामले में, रतन टाटा ने लॉबिस्ट नीरा राडिया और टाटा समूह के मुखिया समेत कई अन्य लोगों के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत को मीडिया आउटलेट्स द्वारा प्रकाशित किए जाने के बाद उनके निजता के अधिकार की मांग की गई है. इस बीच, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच नीरा राडिया बनाम रतन टाटा मामले की सुनवाई कर रही है.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान ASG ऐश्वर्य भाटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि, कोर्ट के आदेश के बाद सीबाआई ने करीब 5800 टेपों की जांच की है. मगर इसमें कोई केस नहीं पाया गया है. इस कड़ी में उन्होंने आगे कहा कि सीलकवर में ये रिपोर्ट दाखिल की गई है. वैसे भी निजता के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना चुका है.
बता दें कि,रतन टाटा ने साल 2011 में नीरा राडिया टेप मामले में अपनी निजता का हवाला देते सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और इसके जरिए इन टेपों को लीक करने में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी.
सुनवाई के दौरान, एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि निजता के अधिकार का फैसला आने के बाद अब कुछ भी नहीं बचा है, जबकि मामले में पहले भी सीबीआई जांच करने का आदेश दे दिया गया था. याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने हालांकि, बेंच को बताया कि वह कई अन्य केसों में व्यस्त हैं और चाहते हैं कि इस मामले पर बहस हो, जिससे पीठ ने मामले को पारित कर दिया.
देश की बेहद चर्चित और 12 साल पुराने नीरा राडिया टेप विवाद में सीबीआई ने नीरा राडिया और कई अन्य को क्लीन चिट दे दी है. मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस केस में CBI ने 14 प्रारंभिक जांच की, लेकिन जांच में कोई अपराध का केस नहीं पाया गया.
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