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कोरोना से जूझ रहे ऑटो इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिली है. कैबिनेट ने ऑटो सेक्टर के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दे दी है. यह संघर्षरत उद्योग के लिए उत्पादन बढ़ाने के लिए एक बूस्टर के रूप में कार्य करेगा. सरकार अब बैटरी इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है, इसलिए ऑटो सेक्टर पीएलआई योजना का फोकस इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों के निर्माण को बढ़ावा देना है.
इस योजना के तहत घटकों में स्वचालित ट्रांसमिशन असेंबली, इलेक्ट्रॉनिक पावर स्टीयरिंग सिस्टम, सेंसर, सुपरकेपसिटर, सनरूफ, अनुकूली फ्रंट लाइटिंग, स्वचालित ब्रेकिंग, टायर दबाव निगरानी प्रणाली और टक्कर चेतावनी प्रणाली शामिल होगी. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, सरकार ने भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऑटो उद्योग, ऑटो-घटक उद्योग, ड्रोन उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है. पीएलआई योजना में 26,058 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान है, जिसमें से 25,938 करोड़ रुपये ऑटो सेक्टर के लिए और 120 करोड़ रुपये ड्रोन उद्योग के लिए दिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि नई तकनीक की बात करें तो पीएलआई योजना को वर्तमान के साथ-साथ भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए और स्थानीय बाजारों के लिए भी लाया गया है, ताकि हम अपने उद्योग को मजबूत कर सकें. ऑटोमोबाइल उद्योग देश के विनिर्माण सकल घरेलू उत्पाद में 35% का योगदान देता है। यह रोजगार पैदा करने में अग्रणी क्षेत्र है. अगर हम ग्लोबल ऑटोमोटिव ट्रेड की बात करें तो हमें भारत की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है.
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