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समाज में बेटी पिता और पुत्री का रिश्ता सबसे पवित्र माना जाना है. देश में लोग लड़कीयों को देवी के रुप में मानते हैं. हिन्दू धर्म में नवरात्र के समय पूजा भी की जाती है. इन सबके बावजूद भी देश में महिलाओं और लड़कीयों के साथ होने वाले अत्याचार कम नहीं हो रहा है. कहीं उनके शादी में दहेज लड़के वाले को दहेज न मिलने पर उन्हें प्रताड़ित किया है, तो कहीं एक तरफा प्यार में पड़े सिरफिरे द्वारा अगवा कर लिया जाता है. सरकारें भी नारी सशक्ति करण को लेकर आए दिन महिलाओं को जागरूक करती रहती है.
बच्ची के जन्म के बाद पत्नी और नवजात को पीटा
मगर यूपी के रायबरेली में एक कलयुगी पिता के काले कारनामों ने बेटी और बाप के रिश्ते को शर्मसार कर दिया है. आरोप है कि यहां जब महिला के गर्भ से पांचवी बेटी ने जन्म लिया, तो गुस्से से तमतमाया पिता ने हॉस्पिटल में ही बच्ची को पीटना शुरु कर दिया. इसकी साथ ही युवक ने अपनी पत्नी के साथ भी मारपीट भी की. शख्स की इस हरकत के बाद वहां पर मौजूद लोग सन्न हो गए और अफरातफरी का माहौल हो गया.
दरअसल यह पूरा मामला यपी के रायबरेली जिले के लालगंज समुदाय केंद्र का है. यहां गंगापुर बरस गांव निवासी दुरपतिया नाम की महिला की डिलीवरी हुई. आरोप है कि पति माधव को जैसे ही बेटी पैदा होने की जानकारी तो वह भड़क उठा, उसने पत्नी से नवजात बच्ची को छीन उस पर जोरदार तमाचा जड़ दिया. इस घटना के चलते अस्पताल में हड़कंप मच गया.
डॉक्टर का बयान
महिला की डिलेवरी कराने वाली डॉक्टर ने दुर्गेश नंदनी ने कहा, 20 तारिख की दोपहर में पीड़िता अस्पताल आई. डिलीवरी होने वाली थी. उसका यह पांचवा बच्चा था. पहले उसकी 4 बेटियां थीं. हम लोगों ने अच्छे से उसकी डिलीवरी 3 बजे करवा दी. पांचवीं भी बेटी ही पैदा हुई. बेटी होने के बाद महिला का पति वॉर्ड में गया और उसने बच्ची के मुंह पर थूक दिया. साथ ही नवजात बच्ची को थप्पड़ भी जड़े."
डॉक्टर ने आगे कहा, "यह देखकर वहां मौजूद लोगों ने शख्स का विरोध किया और शोर-शराबा सुनकर मैं भी ओपीडी छोड़कर वहाँ पहुंची और मामले की जानकारी ली. मैंने उसे बोला कि यह तुमने क्या कर दिया. लड़की पैदा होने पर तुमने उसे थप्पड़ मार दिया. अभी मैं पुलिस को बुलाती हूं, जिसके बाद वो भाग गया."
डॉक्टर ने बताया अमानवीय
बकौल डॉक्टर, ने कहा कि फिलहाल अब हॉस्पिटल से हमने महिला की छुट्टी कर दी है, क्योंकि महिला बता रही थी की उसका पति शराबी है और घर पर धान काट कर रखा गया है. कहीं धान बेच कर दारु न पी जाए. मां और नवजात बच्ची दोनों ही स्वस्थ्य थे, इसलिए मैंने उन्हें जाने दिया. डॉक्टर ने आगे कहा कि यह एकदम अमानवीय घटना है. आज के युग में भी लड़कियों को इतना नीचे देखा जाता है, जबकि आज की लड़कियां पायलेट से लेकर प्रधानमंत्री तक बनी हैं.
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