अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी दांव का खेल शुरू हो गया है. फिलहाल न तो सत्तारूढ़ एनडीए ने उम्मीदवार और न ही विपक्षी दलों को लेकर अपने पत्ते खोले हैं, लेकिन नामों को लेकर विपक्षी खेमे में मंथन का दौर शुरू हो गया है.
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अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी दांव का खेल शुरू हो गया है. फिलहाल न तो सत्तारूढ़ एनडीए ने उम्मीदवार और न ही विपक्षी दलों को लेकर अपने पत्ते खोले हैं, लेकिन नामों को लेकर विपक्षी खेमे में मंथन का दौर शुरू हो गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने विपक्ष को एकजुट करने और एनडीए के खिलाफ एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने का बीड़ा उठाया है.
शरद पवार की अध्यक्षता में हुई बैठक
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में विपक्षी दलों की बैठक की. इसका मकसद एनडीए के खिलाफ विपक्ष की ओर से संयुक्त उम्मीदवार के मैदान पर आम सहमति बनाना है. शरद पवार की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि विपक्षी दल एनडीए के खिलाफ एक साझा उम्मीदवार उतारेंगे.
शरद पवार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनें
बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में ममता बनर्जी ने कहा कि ज्यादातर विपक्षी दल चाहते हैं कि शरद पवार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनें. अगर वह इसके लिए तैयार हैं तो सभी उनका समर्थन करेंगे। यदि वह इसके लिए तैयार नहीं है तो उसकी अध्यक्षता में उम्मीदवार का चयन किया जाएगा. दरअसल ममता बनर्जी इस मराठा क्षत्रप को विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना चाहती हैं. दिल्ली आने से पहले उन्होंने मुंबई में शरद पवार से भी मुलाकात की और उन्हें विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की पेशकश की. हालांकि पवार ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वह सक्रिय राजनीति करना चाहते हैं.
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