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हिंदू धर्म में महाकुंभ का खास महत्व होता है यह प्रयागराज में आयोजित होने जा रहा है। महाकुंभ के मेले में शामिल होने के लिए लोग देश-विदेश से यहां आते हैं। इस महाकुंभ में साधु-संतों का जमावड़ा भी लगता है जिसे देखने के लिए लोगों के अंदर उत्सुकता रहती है। इस बार महाकुंभ का आयोजन 12 साल बाद हो रहा है। महाकुंभ का आयोजन तीर्थ स्थल प्रयागराज में संगम किनारे, हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे और उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर किया जाता है।
2025 से शुरू होगा महाकुंभ
महाकुंभ मेला बहुत खास होता है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तब महाकुंभ का संगम बनता है। अगले साल प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ शुरू हो जाएगा। महाकुंभ का स्नान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। यह महाकुंभ 16 फरवरी 2025 को खत्म होगा।
कर सकते है शाही स्नान
महाकुंभ के दौरान कई महत्वपूर्ण तिथियां है जब धार्मिक लिहाज से स्नान विशेष महत्व होता है। आप महाकुंभ की मुख्य तिथियों पर साधु-संत और शिष्यों का जुलूस भी देख सकते हैं इस दौरान भव्य अनुष्ठान भी किए जाते हैं जिसे शाही स्नान कहा जाता है। शाही स्नान के दौरान साधु-संत के पुण्य कर्मों एवं गहन ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है।
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