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आज रविवार है और आज का दिन भगवान सूर्य को बहुत प्रिय है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान सूर्य दुनिया की आत्मा हैं. इस पृथ्वी से जीवन सूर्य से है. इसे ही सार्वभौम सत्य कहा जाता है. सूर्य को जगत् का कर्ता भी माना जाता है. ऋग्वेद के देवताओं के लिए सूर्य का महत्वपूर्ण स्थान है. सूर्यपनिषद् में समस्त विश्व की उत्पत्ति का एकमात्र कारण सूर्य ही है. यह प्रथा है कि यदि कोई व्यक्ति रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करता है, तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. विधि विधान से सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति पर सर्वत्र भगवान की कृपा बनी रहती है.
रविवार के दिन कुछ मंत्रों का जाप करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं. भगवान सूर्य की पूजा करते समय उनकी आरती और चालीसा का पाठ करना चाहिए. साथ ही आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. प्रत्येक रविवार को सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए और सूर्य मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. इससे मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस लेख में हम आपको कुछ सूर्य मंत्रों की जानकारी दे रहे हैं जिनका जाप आप सूर्य पूजन के समय कर सकते हैं. ध्यान रखें कि उनका उच्चारण बहुत ही सटीक तरीके से किया जाना चाहिए.
सूर्य मंत्र:
1- ओम गृहण सूर्य: आदित्य:
2- ओम हिरिन सूर्याय सहस्रकिरणराय मनचाय फलम देहि देहि स्वाहा
3- ओम अहि सूर्य सहस्रंशोन तेजो राश जगतपते, अनुमायामन भक्ति, घरनारघय दिवाकर:
4- ओम हिरिन घृणी: सूर्य आदित्य: क्लेन ओम
5- Om हिरिन सूर्याय नमः
6- Om सूर्याय नमः
7- Om ग्रुणी सूर्याय नमः
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