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31 अगस्त के दिन भगवान गणेश का दिन गणेश चतुर्थी बेहद ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्थी तक भगवान गणेश की पूजा पूरे सदस्य की जाती है। लोग भगवान गणेश को लड्डू का भोग लगाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान को लड्डू का भोग ज्यादा पसंद है। क्या आपको पता है कि भगवान गणेश को लड्डू का भोग आखिर क्यों लगाया जाता है और इससे जुड़ी क्या खास बात है?
क्या आपको पता है कि लड्डू की गोल आकृति और गोल दाने बुध का प्रतीक है। लड्डू के अंदर मिठास का मतलब है सूर्य- मंगल ग्रह से है। इसकी सुगंध का मतलब चंद्रमा से है। इतना ही नहीं इस में पड़ने वाला मेवा में भी शुक्र ग्रह का प्रतीक माना जाता है। साथ ही लड्डू का पीला रंग बृहस्पति देव का माना जाता है। ज्योतिषियों के मुताबिक एक लड्डू अकेले नौ ग्रहों को नियंत्रित कर सकता है। इसका मतलब यह कि अगर आप भगवान गणेश को एक लड्डू भी अर्पित करते हैं तो इससे आपकी जीवन की सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी ज्योतिष में ग्रहों के लिए बूंदी वाला लड्डू सर्वोत्तम माना गया है।
लड्डू का महत्व और इसका इतिहास
चलिए आपको लड्डू का महत्व और इसके इतिहास के बारे में बताते हैं एक बार देता हूं ले अपनी सही शक्ति से माता पार्वती की श्रद्धा में एक दिव्य लड्डू उत्पन्न क्या अच्छा भगवान शिव के दोनों पुत्रों ने इसे मांगा तो पार्वती ने उन्हें पहले अपनी रिश्ता था सिद्ध करने को कहा तब गणपति महाराज ने अपनी श्रेष्ठ सिद्ध की और वह दिव्य लड्डू हासिल कर पाए इसीलिए कहते हैं कि तभी से भगवान गणेश को लड्डू या मोदक चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।
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