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हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का खास महत्व होता है। इस बार 12 नवंबर और 13 नवंबर में से किस दिन तुलसी विवाह पड़ रहा है? आइए जानते हैं इसके बारे में यहां। दरअसल तुलसी विवाह का आयोजन कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि को प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद अंधेरा होने पर किया जाता है। यदि एकादशी युक्त द्वादशी तिथि में प्रदोष काल का मुहूर्त प्राप्त हो तो वह तुलसी विवाह के लिए बिल्कुल अच्छा साबित होगा।
12 नवंबर को शाम 4:04 बजे से लेकर 13 नवंबर को दोपहर 1:01 बजे तक कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि है। यहां पर उदयातिथि के आधार पर कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि 13 नवंबर को है, लेकिन इसका समापन दोपहर में हो जाएगा। तुलसी विवाह के शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो वो 5:29 मिनट है। वहीं, इसके अलावा तुलसी विवाह का शुभ समय शाम 5 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 53 मिनट तक है।
कैसे की जाती है तुलिस विवाह पर पूजा जानिए यहां
तुलसी पूजा के लिए सबसे पहले लड़की की चौकी पर गंगाजल छिड़क कर उस पर आसान बिछाएं। फिर एक कलश में जल भरकर उसमें आम के पत्ते लगाकर पूजा वाली जगह पर स्थापित करें। एक आसन पर आप तुलसी जी और एक पर शालिग्राम जी बैठा दीजिए। फिर शालिग्राम जोकि फूल, कपड़े औऱ फल चढ़ाएं। इसके बाद तुलसी जो को फल, फूल, लाल चुनरी, बिंदी, सिंदूर और बाकी श्रृंगार का सामान चढ़ाएं। साथ ही लाल चंदन से तिलक लगाएं। फिर घी का दीपक जालकर उनकी पूजा करें। अब हाथाों में शालिग्राम जी की चौकी उठाकर तुलसी जी की 7 बार परिक्रमा करवाएं। फिर दोनों की आरती करें। साथ ही मिठाई का भोग लगाएं। आखिर में पूजा जरूर करें।
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