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दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. नई आबाकारी नीति मामले में घोटाले के आरोपों से अभी पार्टी उबर भी नहीं पाई थी कि एक और नई मुसीबत ने दस्तक दे दी. दरअसल अब CBI की जांच में केजरीवाल सरकार पर भाजपा के नेताओं की जासूसी करने का आरोप लगा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार ने नेताओं और अफसरों की जासूसी कराई थी. इसके लिए एक फीडबैक यूनिट बनाई गई थी. CBI ने जांच में इन आरोपों को सही पाया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, CBI ने दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना से आगे जांच करने के लिए अनुमति मांगी है और LG ने यह मामला अब राष्ट्रपति के पास जांच के लिए भेज दिया है. बीजेपी नेता और सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि आप के नेता काम नहीं कर रहे हैं बल्कि दिल्ली के टैक्सपेयर्स के पैसे से अवैध तरीके से जासूसी करते हैं. दिल्ली की फीडबैक यूनिट जासूसी कर रही है और लोगों की छिपकर बात सुनती है.
क्या है फीडबैक यूनिट ?
बता दें कि आम आदमी पार्टी ने 2015 में फीडबैक यूनिट बनाई थी. इस यूनिट का काम विभागों, संस्थानों, स्वतंत्र संस्थानों की निगरानी करना और यहां के कामकाज पर प्रभावी फीडबैक देना था. ताकि इस आधार पर जरूरी सुधारों का एक्शन लिया जा सके.
राजनीतिक खुफिया जानकारी जुटाने का आरोप
बाद में राजनीतिक खुफिया जानकारी जुटाने में लग गई FBU CBI की शुरुआती जांच में सामने आया है कि FBU को जो काम दिया गया था, वह उसके अलावा खुफिया राजनीतिक जानकारियां जुटाने में भी लग गई. वह किसी व्यक्ति की राजनीतिक गतिविधियों, उससे जुड़े संस्थानों और AAP के राजनीतिक फायदे वाले मुद्दों के लिए जानकारी जुटाने लगी.
FBU ने की 700 केसों की जांच
700 केसों की जांच FBU ने की, इनमें 60% राजनीतिक CBI के मुताबिक, अभी यह साफ नहीं कि FBU अभी भी एक्टिव है या नहीं. FBU ने अब तक 700 केसों की जांच की, इनमें 60% राजनीतिक थे या फिर ऐसे, जिनका निगरानी से कोई लेना देना नहीं है.
विजिलेंस अफसर की शिकायत पर जांच, 12 जनवरी को रिपोर्ट सौंपी 2016 में विजिलेंस डिपार्टमेंट में काम कर रहे एक अफसर की शिकायत पर CBI ने जांच शुरू की थी. 12 जनवरी 2023 को CBI ने विजिलेंस डिपार्टमेंट में रिपोर्ट दाखिल की. एजेंसी ने उप-राज्यपाल वीके सक्सेना से दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है. सूत्रों के मुताबिक LG सक्सेना ने अब इस मामले को राष्ट्रपति के पास भेज दिया है.
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