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हार्ट अटैक के बाद हुई कपिल देव की एंजियोप्लास्टी, जानिए कैसा है महान क्रिकेटर का हाल?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि दिल का दौरा पड़ने के बाद पहले घंटों के भीतर एंजियोप्लास्टी होने से खतरा कम हो सकता है।

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By Anshita Shrivastav | लाइफ स्टाइल - 24 October 2020

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव की अचानक से तबियत बिगड़ गयी जिसके बाद उन्हें दिल्ली के फ़ोर्टिस अस्पताल में भर्ती किया गया। जानकारी के मुताबिक़ कपिल देव को अचानक दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उनकी हालात बिगड़ने लगी। उनकी हालात को देखते हुए डॉक्टर ने एंजियोप्लास्टी करने का निर्णय लिया जो कि सफलता पूर्वक हो गया। डॉकटरों के मुताबिक़ अब उनकी तबियत बेहतर है। अगले कुछ दिनों में उन्हें छुट्टी देदी जाएगी।

बता दें कि 1983 में वर्ल्डकप जीतने वाली टीम का एक वाट्सएप ग्रुप बना हुआ है जिसमें सभी मेम्बर हैं और उसी ग्रुप में सभी के बारे में जानकारी साझा की जाती है। वहां सभी ने कपिल देव को जल्दी स्वस्थ होने की दुआ दी। फ़िलहाल कपिल देव की हालत में सुधार हाई लेकिन उन्हें आइसीयू में रखा गया है और जल्द ही उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी।


क्या होता है हार्ट अटैक?

दिल का दौरा तब पड़ता है जब किसी चीज़ के कारण आपके हृदय में होने वाला खून का प्रवाह रुकने लगता है, इसलिए दिल तक उतना ऑक्सीजन नहीं पहुंच पता जितने की उसे जरूरत होती है। बता दें कि हर वर्ष एक मिलियन से ज्यादा लोगों को दिल का दौरा पड़ता है। दिल के दौरे को मायोकार्डिअल इन्फ़ार्कशन भी कहा जाता है। "मायो" का अर्थ है मांसपेशी, "कार्डियल" का अर्थ है, और "रोधगलन" का अर्थ है रक्त की कमी के कारण ऊतक की मृत्यु। यह आपके दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाता है।


हार्ट अटैक के लक्षण

- भारीपन, बेचैनी, दबाव, जकड़न, या आपकी छाती या बांह में या आपके स्तन के नीचे दर्द होना

- बेचैनी जो आपकी पीठ, जबड़े, गले या बांह तक जाती है

- घुटन मेहसूस होना 

- पसीना, पेट खराब, उल्टी या चक्कर आना

- कमजोरी, चिंता, थकान या सांस की तकलीफ

 - दिल की धड़कन का तेज़ होना 


एंजियोप्लास्टी क्या होता है?

कोरोनरी एंजियोप्लास्टी, जिसे पर्कुटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन भी कहा जाता है, ये एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका प्रयोग हृदय की धमनियों को खोलने के लिए किया जाता है। डॉक्टर आमतौर पर दिल का दौरा पड़ने के बाद इस प्रक्रिया को करते हैं। इसका उपयोग अक्सर सीने में दर्द को कम करने के लिए किया जाता है, जिससे हृदय में खून का बहाव कम हो जाता है। एंजियोप्लास्टी के दौरान, एक हार्ट स्पेशलिस्ट एक छोटे से बैलून कैथेटर का इस्तेमाल करता है, जिसे मेयो क्लिनिक के अनुसार, रुकी हुई रक्त वाहिका में उसे खोलने के लिए डाला जाता है और हृदय में रक्त के प्रवाह को दुरुस्त करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि दिल का दौरा पड़ने के बाद पहले घंटों के भीतर एंजियोप्लास्टी होने से खतरा कम हो सकता है।


प्रक्रिया के बाद डॉक्टर के द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन करना जरुरी होता है। एंजियोप्लास्टी के बाद कई मरीज घर जाने में सक्षम होते हैं।  एंजियोप्लास्टी होने का मतलब यह नहीं है कि आपका हृदय रोग दूर हो जाएगा, लेकिन आपका हृदय पहले के मुकाबले थोड़ा स्वस्थ हो जाता है। 


हार्ट अटैक से कैसे बचें? 

- धूम्रपान न करें 

- अपने कोलेस्ट्रॉल को कम करें

- डायबिटीज़  और ब्लड प्रेसर को नियंत्रित करें

- नियमित व्यायाम करें

- वजन नियंत्रित करें 

- तनाव पर नियंत्रण रखें


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