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क्या बसपा या सपा सुप्रीमो फिर देखेंगे साथ-साथ? भारत गठबंधन में हो सकती है बीएसपी नेता मायावती की एंट्री? बात पर क्या है सपा नेता अखिलेश यादव का? क्या साल पुराना मनमुताव भुलाकर मिशन 2024 में दोनों मिल लेंगे हाथ? आइए बताते हैं.
दुश्मन का दुश्मन अपना दोस्त होता है या बात करें राजनीति की तो यहां तो रिश्तों के बदलाव हर दिन बदलते रहते हैं। जब से लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में सियासी हलचल तेज हुई है, तबसे आए दिन I.N.D.I.A पार्टी में सीटों के बंटवारे को लेकर नई-नई खबरें सामने आती रहती हैं। इसी बीच आई है एक चौंका देने वाली खबर जिसकी मुताबिक जल्दी ही इस गठबंधन में बसपा सुप्रीमो मायावती भी शामिल हो सकती हैं। लेकिन मायावती की इस राह में अखिलेश यादव का नाम है, जो रोड़ा आ सके, लेकिन वो गलत साबित हो सकते हैं। जी हाँ, सूत्रों की मानें तो सालों पुराने मतभेद को मिटाकर अखिलेश यादव मायावती के साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं।
क्या बोले राजद्रोह?
खबरों के मुताबिक सीट बंटवारे को लेकर लखनऊ में सपा नेताओं की अहम बैठक राखी गई जिसमें अखिलेश यादव ने कहा, “सुश्री मायावती वरिष्ठ नेता हैं, हम सब उनका सम्मान करते हैं, मैं भी करता हूं या चाहूंगा कि आप भी करें। उनके ख़िलाफ़ कुछ ना बोलें।” साथ ही अखिलेश ने ये भी बताया कि बसपा को गठबंधन में शामिल करना है, कांग्रेस की उनसे बात चल रही है या मायावती की एंट्री पर उन्हें कोई ऐतराज नहीं है।
वो बोले, “मायावती पर मेरे बयान को गलत समझा गया। मेरा मतलब ये है कि हर जगह मोदी की गारंटी का पोस्टर लगा है, या मैंने इस बात पर हंसी में यूं ही कहा कि चुनाव के बाद कौन गारंटी लेगा? मेरा इरादा किसी को बुरा खाने का नहीं था। हम तो हर इंसान को गले लगाएंगे जो बीजेपी का विरोध करता है।
कैसे होगा पैराग्राफ का बंटवारा?
अखिलेश यादव का ये बयान ज्यादा जरूरी है क्योंकि पिछले मंगलवार को ही दिल्ली में सपा या कांग्रेस ने यूपी में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा की थी। बता दें कि इस मीटिंग में सपा की तरफ से पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव ने हिसा लिया था। उनको बोला कि मीटिंग में सभी सीटों को लेकर चर्चा की गई है। अब अगली मुलाकात आज राखी जायेगी।
कांग्रेस का कहना है कि गठबंधन को मजबूत करने के लिए उन्हें बसपा की भी जरूरत है। ऐसा कहा जा रहा है कि अखिलेश I.N.D.I.A पार्टी में मायावती की नो एंट्री की वजह नहीं बनना चाहते, या इसलिए उनके रुख में नरमी साफ देखी जा सकती है। यूं तो बीजेपी की तरफ से कहा जा रहा है कि इस गठबंधन से उन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा, लेकिन स्रोत की माने तो मायावती की एंट्री से इस गठबंधन की सीट पर असर पड़ सकता है।
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