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इजराइल पर हमास के हमले के बाद से वहां युद्ध के हालात हैं। हमास के हमले के बाद इजराइल ने भी युद्ध का ऐलान कर दिया है। भारत भी युद्ध के हालात पर नजर बनाए हुए है। भारत और इजराइल के बीच न सिर्फ राजनीतिक रिश्ते मजबूत हैं बल्कि दोनों के बीच व्यापारिक रिश्ते भी मजबूत हैं। अगर युद्ध हुआ तो जाहिर तौर पर कारोबार और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा।
वस्तुओं का आदान-प्रदान
इजराइल और भारत के रिश्ते काफी मजबूत हैं। भारत एशिया में इजराइल का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। भारत और इजराइल के बीच अरबों डॉलर का व्यापार होता है। केवल वस्तुओं का आदान-प्रदान ही नहीं, बड़ी संख्या में भारतीय इजराइल में रहते और काम भी करते हैं। वे वहां की अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं। आंकड़ों के मुताबिक, इस वक्त 40,000 से ज्यादा भारतीय इजरायल के अलग-अलग इलाकों में काम करते हैं।
इजराइली कंपनियों का भारत में निवेश
भारतीय कंपनियों का इजराइल में और इजराइली कंपनियों का भारत में निवेश है। 300 से अधिक इजरायली कंपनियों ने भारत में निवेश किया है। भारतीय उत्पादों में इजरायली कंपनियों का निवेश 270 मिलियन डॉलर से अधिक है। दोनों देशों के बीच निर्यात-आयात पर नजर डालें तो भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में इजराइल से 1400 से ज्यादा वस्तुओं का आयात किया है।
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